भिवंडी।एम हुसेन।भिवंडी निजामपुर शहर महानगर पालिका के महापौर व उप महापौर चुनाव में कांग्रेस पार्टी के 18 नगरसेवकों ने पार्टी के व्हिप की खुल्लम-खुल्ला उपेक्षा किया और पार्टी के उम्मीदवार को मतदान न करते हुए कोणार्क विकास आघाडी की उम्मीदवार के समर्थन में मतदान किया था ।जिसके कारण कांग्रेस पार्टी की अधिकृत उम्मीदवार सुश्री रिषिका प्रदीप (पप्पू) राका को पराजित होना पड़ा था ।गौरतलब है कि 90 नगरसेवकों वाली भिवंडी महानगर पालिका में कांग्रेस पार्टी के 47 नगरसेवक हैं और इनके समर्थन में शिवसेना के 12 नगरसेवक हैं इस प्रकार कुल 59 नगरसेवक कांग्रेस के पास हैं ।परिणाम स्वरूप पूर्ण बहुमत होने के बावजूद भी महापौर तथा उप महापौर पद हार जाने के कारण शहर में कांग्रेस पार्टी की काफी बदनामी हुई थी । जिसके फलस्वरूप बागी नगरसेवकों के नगरसेवक पद रद्द करने के लिए कांग्रेस पार्टी के निष्ठावान नगरसेवकों ने कोंकण विभागीय आयुक्त से मांग की थी। कोंकण विभागीय आयुक्त ने सभी 18 बागी नगरसेवकों को 30 जनवरी को हाजिर रहने के लिए आदेश जारी किया है जिसके कारण बागी नगरसेवकों में हडकंम मचा हुआ है ।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस पार्टी के भिवंडी शहर जिला अध्यक्ष शोएब गुडडू के विधानसभा चुनाव हार जाने तथा भिवंडी मनपा से सत्ता जाने के बाद कांग्रेस पार्टी में गुटबाजी तेज हो गई है ।
जिसकारण पार्टी से बगावत करने तथा दूसरी पार्टी के उम्मीदवार को मदद करने के आरोप में भिवंडी अल्पसंख्यक विभाग अध्यक्ष तुफैल फारुकी को पार्टी तथा पद से मुक्त कर दिया गया है।
बता दें कि 5 दिसम्बर 2019 को हुए महापौर तथा उप महापौर चुनाव में कांग्रेस पार्टी के 18 नगरसेवकों ने पार्टी से बगावत कर कोणार्क विकास आघाडी की उम्मीदवार को मतदान किया था, जिसके कारण शिवसेना तथा कांग्रेस पार्टी गठबंधन उम्मीदवार को हार का सामना करना पड़ा था । बागी 18 नगरसेवकों का पद रद्द करने के लिए भिवंडी कांग्रेस पार्टी ने कोकण विभागीय आयुक्त शिवाजीराव दौंड के समक्ष शिकायत दर्ज करवाया है । शिकायत मिलने पर कोकण आयुक्त ने सभी बागी 18 नगरसेवकों को 16 जनवरी 2020 को कोकण आयुक्त कार्यालय में हाजिर रहने हेतु नोटिस जारी किया था, परंतु 16 जनवरी को सुनवाई के दौरान उप महापौर इमरान खान के साथ मात्र चार नगरसेवक ही उपस्थित थे ।सभी 18 नगरसेवकों की उपस्थिति नही होने के कारण कोकण आयुक्त द्वारा कड़ा रुख अपनाते हुए आगामी 30 जनवरी 2020 को सभी नगरसेवकों को हाजिर रहने के लिए नोटिस जारी किया है जिसके कारण बागी नगरसेवकों में हडकंम मचा हुआ है।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस पार्टी के भिवंडी शहर जिला अध्यक्ष शोएब गुडडू के विधानसभा चुनाव हार जाने तथा भिवंडी मनपा से सत्ता जाने के बाद कांग्रेस पार्टी में गुटबाजी तेज हो गई है ।
जिसकारण पार्टी से बगावत करने तथा दूसरी पार्टी के उम्मीदवार को मदद करने के आरोप में भिवंडी अल्पसंख्यक विभाग अध्यक्ष तुफैल फारुकी को पार्टी तथा पद से मुक्त कर दिया गया है।
बता दें कि 5 दिसम्बर 2019 को हुए महापौर तथा उप महापौर चुनाव में कांग्रेस पार्टी के 18 नगरसेवकों ने पार्टी से बगावत कर कोणार्क विकास आघाडी की उम्मीदवार को मतदान किया था, जिसके कारण शिवसेना तथा कांग्रेस पार्टी गठबंधन उम्मीदवार को हार का सामना करना पड़ा था । बागी 18 नगरसेवकों का पद रद्द करने के लिए भिवंडी कांग्रेस पार्टी ने कोकण विभागीय आयुक्त शिवाजीराव दौंड के समक्ष शिकायत दर्ज करवाया है । शिकायत मिलने पर कोकण आयुक्त ने सभी बागी 18 नगरसेवकों को 16 जनवरी 2020 को कोकण आयुक्त कार्यालय में हाजिर रहने हेतु नोटिस जारी किया था, परंतु 16 जनवरी को सुनवाई के दौरान उप महापौर इमरान खान के साथ मात्र चार नगरसेवक ही उपस्थित थे ।सभी 18 नगरसेवकों की उपस्थिति नही होने के कारण कोकण आयुक्त द्वारा कड़ा रुख अपनाते हुए आगामी 30 जनवरी 2020 को सभी नगरसेवकों को हाजिर रहने के लिए नोटिस जारी किया है जिसके कारण बागी नगरसेवकों में हडकंम मचा हुआ है।
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