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 मुंबई:- जनवादी लेखक  संघ मुम्बई द्वारा जनकवि राजसुमन के दूसरे कविता संग्रह 'आँसू ये आषाढ़ के ' का लोकार्पण आर जे कालेज परिसर घाटकोपर(प) में किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता एवं विमोचन मुम्बई विश्वविद्यालय के पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष डा रामजी तिवारी के  हाथों से हुआ। ह्रदयेश मयंक, शैलेश सिंह तथा डा सतीश पांडेय ने पुस्तक के बारे में अपने विचार व्यक्त करते हुये राजसुमन को प्रकृति का चितेरा एवं समाज को स्वस्थ दिशा देने वाला कवि बताया।
   उत्तर भारतीय मित्र मंडल के अध्यक्ष के एन सिंह तथा मुम्बई काँग्रेस के महासचिव दयाशँकर सिंह ने उन्हें गाँव की माटी से जुड़े गीतकार के रूप में याद किया ।कार्यक्रम का सफल संचालन कवि लेखक हरजिँदर सिंह सेठी ने बड़े गरिमापूर्ण ढंग से किया।
       इस अवसर पर डा बाबूलाल सिंह, वीरेंद्र पाठक, राकेश शर्मा, शाश्वत   रतन, आर डी सिंह, दिनेश पाठक, रामप्यारे सिंह रघु़वँशी, कैलाश शँकर मिश्र डॉ सचिन सिंह,राकेश मिश्रा,रामजीत गुप्ता सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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