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भिवंडी।  एम हुसेन ।  ' पानी  का मतलब  जीवन ' और  इस जीवन को  बचाने के लिए  चारों ओर  लोग सहभागी होकर  हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। इसी प्रकार  गांव स्तर पर ' पाणी अडवा पाणी जिरवा ' इसके लिए  वनराई बंधारे  की संकल्पना नियोजित की गई है ,जिसमें  केवल शासकीय यंत्रणा नहीं है  बल्कि  स्वयंसेवी संस्था,विद्यार्थी  भी  सहभागी होकर  इसी  माध्यम से   कई   स्थानों पर  वनराई बंधारे बांधे जा रहे हैं। भिवंडी तालुका  में  बांधे गए  वनराई बंधाऱे  का  निरीक्षण  जिला परिषद पदाधिकाऱियो की उपस्थिति में  संपन्न हुआ । उक्त अवसर पर  सभी पदाधिकाऱियो ने सहभागी हुए  संस्थाओं की प्रशंसा की।.
         इस निरीक्षण के अवसर पर  जि.प.महिला व बाल कल्याण समिति सभापती सपना राजेंद्र भोईर,जि.प.सदस्य अशोक घरत,बांधकाम विभाग के  कार्यकारी अभियंता पालवे,काटई सरपंच निता सुशील जाधव,पूर्व  सरपंच विनोद पाटील,वी.एस.म्हसकर,एस.एस.सरोदे,राजेंद्र भोईर,राम मोरघा,ग्रामसेवक अनिल कांगणे आदि  पथक ने  काटई सीमांतर्गत  रायात पाडा ,कुहे ,लाखीवली ,फिरिंगपाडा आदि  स्थानों   पर वनराई बंधाऱे का  निरीक्षण किया  ।इस  स्थान पर नाले से  बहने वाला पानी  खाली सिमेंट जोश  में मिट्टी ,बालू भर कर  इसी के  आधार पर  यहां  पानी  रोका गया है।  इस  उपलब्ध पानी से  आसपास के  विहीर (कुुुआं) व हाथ पंप  में  आवश्यकतानुसार  पानी  उपलब्ध होगा ।पानी  जमा  बढने से इस पानी का  उपयोग  यहां के  आदिवासी  किसान  भाजी   सब्जी    काा बीज  उगाकर  इन्हें  आर्थिक उत्पन्न मिलेगी। उक्त  उपक्रम से  स्थानिक आदिवासी ,कष्टकारियों के  परिवार को  सहायता  मिलेगी  इस प्रकार की प्रतिक्रिया  सभापति सपना राजेंद्र भोईरने  व्यक्त  की है ।इसी प्रकार आदिवासी भाग के  स्थानिक ग्रामीणों को  आगे  बढकर लोगों  के सहभाग से  इस प्रकार  बंधारे बांधना चाहिए, इस अवसर पर  बंधाऱे का  निरीक्षण  करते हुए  जि.प. पदाधिकाऱियों ने  प्रतिक्रिया  व्यक्त की है। 

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