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बॉलीवुड में इन दिनों मुद्दों पर बेस्ड फिल्मे बन रही हैं जिन्हें दर्शक पसंद कर रहे हैं ऐसे ही एक अहम मुद्दे पर आधारित फिल्म 'मुद्दा 370 जेएंड के' इसी महीने रिलीज के लिए तैयार है. हितेन तेजवानी, मोहन जोशी, जरीना वहाब और अंजली पांडे की मुख्य भूमिका वाली इस फिल्म के निर्माता डॉ. अतुल कृष्णा और सह-निर्माता भंवर सिंह पुंडीर हैं.13 दिसंबर को रिलीज हो रही फिल्म में राखी सावंत का एक स्पेशल सॉन्ग भी है जिसे आशा भोसले ने गाया है. फिल्म के डायरेक्टर राकेश सावंत हैं. पिछले दिनों देहरादून में फिल्म 'मुद्दा 370, जे एंड के' का टीजर लॉन्च सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने किया. यहाँ फिल्म से जुडी पूरी टीम मौजूद थी।

फिल्म निर्माता भवर सिंह पुंडीर का कहना है कि यह फिल्म कश्मीर के ज्वलंत मुद्दों और कश्मीर से हुए पलायन के दर्द की दास्ताँ बयां करती है। फिल्म की 50 प्रतिशत शूटिंग उत्तराखण्ड में की गई है।उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री ने इस फिल्म को समसामयिक विषय पर आधारित बताया और कहा कि अनुच्छेद 370 के हटने से कश्मीर को राष्ट्र की मुख्य धारा से जोड़ने में सहायता मिली है।एक कश्मीरी पंडित लड़के और एक कश्मीरी मुस्लिम लड़की की प्रेम कहानी का अनुच्छेद 370 की वजह से क्या हुआ?  फिल्म में यह दिखाया गया है. इस फिल्म में अनुच्छेद 370 के लगने की वजह और उसके असर को भी दिखाया गया है.


                      हितेन तेजवानी इसमें मुख्य भूमिका निभा रहे हैं. अंजली पांडे थिएटर आर्टिस्ट हैं और फिल्म में एक इम्पोर्टेन्ट रोल प्ले कर रही हैं जबकि जरीना वहाब पहली बार एक कश्मीरी पंडिताइन का रोल कर रही है. उनके पति का रोल मनोज जोशी निभा रहे हैं. फिल्म में हितेन तेजवानी, अंजली पांडे, मनोज जोशी, राज जुत्शी, जरीना वहाब, पंकज धीर, अनीता राज, मोहन कपूर, सुजाता मेहता, अंजन श्रीवास्तव, शाहबाज खान, मास्टर अयान और राखी सावंत के अलावा आदिता जैन और तन्वी टंडन जैसे कई कलाकार हैं.कश्मीरी पंडितों के के दर्द को बयां करती यह एक बेहद गंभीर और संवेदनशील फिल्म है. फिल्म में आशा भोंसले ने एक आइटम सॉन्ग गाया है जिसे राखी सावंत पर फिल्माया गया है. इस फिल्म के संगीतकार सय्यद अहमद, साहिल मल्टी खान और राहुल भट्ट हैं जबकि गीत लिखे हैं निसार अख्तर, सीमा भट्ट, शाहिद अंजुम ने. फिल्म में आशा भोसले, शान, पलक मुछाल, असीस कौर, शाहिद माल्या, मुद्दसर अली जैसे सिंगर्स हैं.


      यह फिल्म जम्मू और कश्मीर की पृष्ठभूमि पर बेस्ड है, जब लगभग सात लाख हिंदू कश्मीरियों को कुछ कट्टरपंथियों ने उनकी मातृभूमि से जबरदस्ती भगा दिया था। यह फिल्म उन्हीं विस्थापित कश्मीरी पंडितों की दास्तां कहती है, उनके जख्मों, उनके दर्द और उनकी पीड़ा को बयां करती है जो अपनी ही जमीन पे शरणार्थी जैसे बन गए थे।

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