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समस्तीपुर,  (  मोहम्मद जमशेद) । इन दिनों लोकतंत्र के चौथा स्तंभ कहलाने वाले पत्रकारों की गरीमा पर चंद कथित पत्रकारों द्वारा इस पेशे पर बदनुमा धब्बा लगाने जैसा कार्य किया जा रहा है । जिसके चलते आज पत्रकारिता जगत बदनाम हो रहा है। लोगों की नजरों में मान-सम्मान पत्रकारों के प्रति गिरता नजर आ रहा है । इसका मुख्य कारण है कुछ नामी गिरामी पत्रकारों द्वारा पुलिस प्रशासन के साथ साथ जिला प्रशासन की चम्चचई और दलाली करने का काम खुलेआम किया जाना है । लोकतंत्र के चौथे स्तंभ कहें जाने वाले लोगों की कद इस कद गिर गया है कि कई पत्रकार तो सुबह से शाम तक कनीय पुलिस पदाधिकारी के साथ ही वरीय पुलिस पदाधिकारी के साथ ही जिला प्रशासन के कार्यालय में पदाधिकारियों एंव कर्मचारियों के पास बैठकर दिन गुजारते है और पैरवीकार बनते देखा जा सकता हैं । पत्रकार की पेशकश इस कदर करते है की जैसे ऐ खुद प्रशासन के आदमी हो । सारा दिन पदाधिकारी के आजू बाजू में बैठे रहना ऐ किस कदर की पत्रकारिता है ऐ लोगों के समझ से परे हैं । समसामयिक समाचार के साथ ही विकासात्मक समाचारों को नजरअंदाज किया जाता हैं । उपयुक्त कथन युग क्रांति दल के प्रदेश उपाध्यक्ष उमेश पासवान ने दूरभाष के माध्यम से दिया । 

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