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समस्तीपुर, (मोहम्मद जमशेद)समस्तीपुर शहर के स्टेशन रोड में संचालित दवा दुकान में हथियार बंद अपराधियों द्वारा तकरीबन २५ लाख रूपये की लूटने के बाद मौकाएवारदात से हुऐ फरार । मिली जानकारी के अनुसार बुधवार की देर रात में पालीवाल ड्रग एजेंसी में अपराधियों ने मचाया तांडव । मौकाएवारदात से मिली जानकारी के अनुसार 10 / 10:30 के बजे रात्रि में 5-6 हथियारबंद अपराधियों द्वारा एजेंसी मालिक को हथियार के बल पर कब्जे में लेकर अपराधियों ने उस समय लूटपाट की जब दुकान मालिक अपने सारे दिन की खरीद बिक्री के नगदी मिला रहे थे ।उसी दरमियान 5 -6 की संख्या में हथियारों से लैस अपराधी दवा कारोबारी रवि पालीवाल के एजेंसी में घुस गए उस समय दवा दुकान में दिनभर की बिक्री का हिसाब किताब चल रहा था । बताया जाता है कि बदमाशों ने सभी को पिस्तौल के बल पर अपने कब्जे में लेकर कैश काउंटर में रखे लाखों रुपए लूट लिए । चर्चा है कि काउंटर में 20 से 2500000 लाख रूपये से अधिक रुपए थे । हालांकि अभी तक दवा कारोबारी ने लूट हुए रुपए के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी है ।

घटना की सूचना मिलते ही नगर थाना प्रभारी अध्यक्ष सीताराम प्रसाद सदल बल के साथ घटना स्थल पर पहुंचे और अपराधियों के संदर्भ में विस्तृत जांच की । उन्होंने बताया कि दवा कारोबारी को भी पता नहीं है कितने रुपए की लूट हुई है ।वहीं एजेंसी के दो कर्मचारियों को शक के आधार पर हिरासत में लिया गया है । जिससे थानाध्यक्ष सीताराम प्रसाद द्वारा लूट के संदर्भ में जानकारी की छानवीन किया जा रहा है। चर्चा लाखों रुपए लूटे जाने की है ।

पुलिस मामले की जांच कर रही हैं । लूट में शामिल अपराधियों को जल्द ही सुराग हाथ लगते ही गिरफ्तार कर लिया जाऐगा । ताजुब्ब की बात है की आदर्श आचार संहिता के अनुपालन को लेकर जिलाधिकारी द्वारा सख्त आदेश जारी है कि शहर के चारों तरफ सघन गश्ती दल द्वारा गश्ती किया जाऐ और किसी प्रकार की आशंका होने पर तुरंत कार्रवाई करने का आदेश निर्देश जारी है । सरेआम बाजार में हुई लुट की घटना पर पुलिस प्रशासन के गश्तीदल पर सवालिया निशान लग रहा है । चर्चा है की पुलिस की मिलीभगत से कहीं इस घटना को अंजाम तो नहीं दिया गया है । क्योंकि बीच बाजार में संचालित दवा की थौक बिक्रेता के यहां खुलेआम लूट होना प्रशासन के सुरक्षा व्यवस्था को कटघरे में ला खड़ा कर दिया है । अब देखना है की लूट के कितने दिन बाद इस लूट में शामिल अपराधी को गिरफ्तार किया जाता हैं या वरीय अधिकारियों के दबाव में जैसे तैसे दर्ज मुकदमा की खानापूर्ति किया जाता हैं


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