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शमा ईरानी  | मुंबई  |  40 फिल्म समारोहों में स्क्रीनिंग और दुनिया भर से 13 पुरस्कार प्राप्त करने के बाद, रीमा दास की फिल्म "बुलबुल कैन सिंग" भारत में रिलीज़ हुई। "जब मैं फिल्म विलेज रॉकस्टार्स की शूटिंग कर रही थी, तो मुझे पता था कि मैं अपनी अगली फिल्म में किशोरों की भावनाओं और विचारों पर एक फिल्म बनाना चाहती हूं। यह आश्चर्यजनक है कि बहुत कम फिल्में प्रामाणिक रूप से भारत में किशोरों की कहानियों को चित्रित करती हैं। तब मैंने बुलबुल कैन सिंग के लिए कहानी की खोज की यात्रा शुरू की थी। फिल्म को दुनिया और भारत के प्रतिष्ठित फिल्म समारोहों में दिखाया गया। प्रतिक्रिया बेहद अच्छी रही है! आसाम में फिल्म को बहुत ही उम्दा रिस्पॉन्स मिल रहा है। मुझे उम्मीद है कि भारत भर के लोग भी हमें वही प्यार देंगे।”रीमा दास कहती हैं।
रीमा दास को ‘विलेज रॉकस्टार्स’ बनाने के लिए जाना जाता है, जो असमिया भाषा की फिल्म है, जिसने पिछले साल सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार जीता था। इसे ऑस्कर में भारत की आधिकारिक प्रविष्टि के रूप में भी चुना गया था।
अभी पिछले महीने ही फिल्म को सर्वश्रेष्ठ आसामी फिल्म के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। यह एक स्मरणीय क्षण था जब खुद शाहरुख खान ने रीमा दास को यह खबर दी, जबकि बुलबुल कैन सिंग को इंडियन फिल्म फेस्टिवल ऑफ मेलबर्न में दर्शकों को पेश किया गया।
असम की फिल्मकार रीमा दास की ‘बुलबुल कैन सिंग’ को इंडियन फिल्म फेस्टिवल ऑफ मेलबर्न के लिए ओपनिंग फिल्म के रूप में चुना गया था। फेस्टिवल के 10वें संस्करण के उद्घाटन की रात के लिए रीमा दास की फिल्म प्रदर्शित की गई। इसमें तीन किशोरों की कहानियों को दिखाया गया है जो गांव के लोगों के आदर्शों और नैतिकता को ध्यान में रखते हुए अपनी लैंगिक पहचान के साथ सामने आने का प्रयास करते हैं। 
रीमा दास का कहना है ‘बहुत खुश और उत्साहित हूं कि ‘बुलबुल कैन सिंग’ इंडियन फिल्म फेस्टिवल ऑफ मेलबर्न की ओपनिंग फिल्म थी। फिल्मकार के रूप में मेरे लिए फिल्म वास्तव में विशेष रही है। हम फिल्म के सिलसिले में जहां भी गए, वहां से जो प्रतिक्रिया और प्रशंसा मिली है, वह अपने आप में बहुत खास है।"
"बुलबुल कैन सिंग" ने मुंबई इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल, 2018 गोल्डन गेटवे: इंडिया गोल्ड फॉर बेस्ट फीचर फिल्म सहित कई अवॉर्ड्स जीते हैं।  
इस फिल्म में, रीमा दास ने वयस्कता की दहलीज पर तीन दोस्तों के जीवन को चित्रित किया है। कहानी की नायिका बुलबुल है, जिसकी आवाज तब विफल हो जाती है जब उसे लोगों के सामने गाना पड़ता है। असफलता और आत्म-संदेह का डर बोनी और सुमन, जो पारंपरिक पुरुष छवि को पूरा नहीं करते हैं, को पीड़ित करता है। पहले प्यार का अनुभव तीन किशोरों को बहुत ज़्यादा उम्मीदों और सख्त नैतिक कोड के दबाव में रखता है। बुलबुल गाना शुरू कर देती है।
फ्लाइंग रिवर फिल्म्स प्रोडक्शन के बैनर तले बनी फिल्म रीमा दास द्वारा लिखित, निर्देशित और निर्मित है। फिल्म की कास्ट में अर्नाली दास, मनोरंजन दास, बनिता ठाकुरिया, मनबेंद्र दास, दीपज्योति कलिता शामिल हैं जिन्हें रीमा दास ने इंट्रोड्यूस किया है।
जया दास द्वारा सह-निर्मित; साउंड डिज़ाइन- सुस्मित बॉब नाथ; छायांकन- रीमा दास द्वारा; संपादक- रीमा दास; रंगकर्मी- सिड मीर; कहानी, पटकथा, संवाद- रीमा दास; प्रोडक्शन डिज़ाइन- रीमा दास; प्रोडक्शन कंट्रोलर- मल्लिका दास हैं।
बुलबुल कैन सिंग को राज्य भर में कम से कम 28 सिनेमाघरों में रिलीज़ किया जाएगा। 27 सितंबर से यह फिल्म देश के शहरों में रिलीज होगी।
रीमा दास के बारे में बता दें कि वह एक पटकथा लेखक, निर्मात्री और निर्देशक हैं जो अपनी फिल्मों के लिए छायाकार और संपादक की भूमिका भी निभाती हैं। गैर-पेशेवर अभिनेताओं के साथ रियलिस्टिक और यथार्थवादी फिल्में बनाने के लिए जानी जाती है, उनकी फिल्में सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में लोगों का दिल जीतने में कामयाब रही हैं।
उनकी पहली फीचर फिल्म थी मैन विद द बिनोकुलर्स (अन्तर्दृष्टि)। इसका प्रीमियर तलिन ब्लैक नाइट्स फिल्म फेस्टिवल 2016 और मामी मुम्बई फिल्म फेस्टिवल में हुआ था। 
विलेज रॉकस्टार्स रीमा की दूसरी फीचर फिल्म थी जिसका प्रीमियर टोरेंटो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल 2017 में हुआ था, फिर इसने दुनिया भर के 80 से अधिक फिल्म समारोहों की यात्रा की। फिल्म को 50 से अधिक पुरस्कार प्राप्त हुए हैं, जिसमें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 2018 में भारत में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का अवॉर्ड शामिल है और भारत की ओर से इसे ऑस्कर प्रविष्टि भी मिली है।
बुलबुल कैन सिंग, उनकी तीसरी फीचर फिल्म है। जिसका टोरंटो वर्ल्ड फिल्म फेस्टिवल 2018 में वर्ल्ड प्रीमियर हुआ था। इसने बुसान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल, बर्लिन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल, एएफआई फेस्ट, सहित अन्य फेस्टिवल्स की यात्रा की। इस फिल्म ने मुंबई फिल्म महोत्सव में सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए गोल्डन गेटवे पुरस्कार जीता, इंडियन फिल्म फेस्टिवल ऑफ मेलबर्न 2019 में इसे सर्वश्रेष्ठ इंडी फिल्म का इनाम मिला। इसने 2019 में सर्वश्रेष्ठ असमिया फिल्म के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार हासिल किया।

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