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कई क्षेत्रों में  बाढ़ की स्थिति सहित सरवली गांव में 14 वर्ष बाद फिर भरा पानी।

 भिवंडी। एम हुसेन । पिछले दो दिनों से हो रही मूसलाधार बरसात के कारण शहर के निचले क्षेत्र पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं,भिवंडी शहर सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में में बाढ़ की स्थिति उतपन्न हो जाने से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। ईदगाह झोपड़पट्टी के लगभग 1500 घरों में पानी भर गया था तथा  सरवली गांव में लगभग 14 वर्ष बाद एक बार फिर बरसात का पानी भर जाने के कारण वहां के लोगों में भय का वातावरण उतपन्न हो गया है जिससे ग्रामीण क्षेत्रों मेंं पूर्व   26 जुलाई 2005 में आई बाढ़ की यादें ताजा हो गई है। कामवारी नदी खतरे के निशान से ऊपर बहने के कारण नदी के किनारे बसे सैकड़ों घरों एवं दुकानों में पानी भर गया है। दो दिनों से हो रही निरंतर तेज बरसात के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में धान की फसल को नष्ट होने का खतरा बढ़ गया है जो किसानों के लिए बडी मुसीबत बन गई है । 
     गौरतलब है कि लगातार मूसलाधार बरसात होने के कारण तीनबत्ती, भाजी मार्केट, नजराना कंपाउंड ,शिवाजी चौक,कल्याण नाका,गोपालनगर,कमला होटल,पद्मानगर, बंदर मोहल्ला, टंडेल मोहल्ला ,दरगाह रोड,भुसार मोहल्ला,अंजुरफाटा,नदीनाका,संगमपाड़ा,म्हाडा कालोनी, बारकिया कंपाउंड एवं खाड़ीपार सहित शहर के कई क्षेत्रों में पानी भर गया था। जिसमें ईदगाह झोपड़पट्टी के लगभग 1500 घरों में खाड़ी का पानी भर जाने के कारण लगभग 15 से 20 हजार नागरिकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ाा है, ईदगाह झोपड़पट्टी के पास स्थित खाड़ी का पानी झोपड़ों में एकाएक भरने के कारण वहां रहने वाले लोगों के गृहस्थी का सारा सामान भीगकर बर्बाद हो गया हैै। जिससे वहां के लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। ईदगाह झोपड़पट्टी सहित उसके आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति उतपन्न होने के बावजूद मनपा प्रशासन एवं मनपा आपातकालीन विभाग द्वारा वहां के नागरिकों के लिये किसी प्रकार कोई आपातकालीन व्यवस्था नहीं की गई  जिससे वहां के नागरिकों में मनपा प्रशासन सहित स्थानीय जनप्रतिनिधियों के प्रति काफी आक्रोश व्याप्त है। भिवंडी-वाड़ा रोड स्थित नदीनाका एवं रफीक कंपाउंड सहित अन्य क्षेत्रों में पानी भर गया था, रफीक कंपाउंड के सैकड़ों घरों में एक बार फिर पानी भर जाने के कारण वहां के लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा है। शेलार गांव के पास सड़क पर लगभग तीन फ़िट तक पानी भरा था, सड़क पर पानी भरने के कारण भिवंडी-वाड़ा रोड पर यातायात भी बाधित रही, जिसके कारण लोगों को आवागमन में भारी परेशानी का सामना करना पड़ा है।
   शहर में हर जगह जहां बाढ़ की स्थिति उतपन्न हो गई थी वहीं खोनी,काटई,सोनाले,सरवली, कल्याण रोड साईबाबा मंदिर व कोनगांव सहित पूरे ग्रामीण क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति उतपन्न हो गई थी।कामवारी नदी खतरे के निशान से ऊपर बहने के कारण नदी के किनारे बसे सैकड़ों घरों एवं दुकानों में पानी भर गया है। कोनगांव के पाचमार परिसर,ड्रीम कंप्लेक्स,पिंपलास रोड एवं गिरिधर नगर सहित कई बस्तियों में पानी भर जाने के कारण वहां के लोगों को भिवंडी तहसीलदार शशिकांत गायकवाड़ द्वारा की गई सहायता से सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया  गया। राजस्व विभाग की टीम सहित एसीपी नितीन कौसडीकर,पुलिस निरीक्षक रमेश काटकर,कोनगांव की सरपंच डॉ. रुपाली सहित अन्य लोगों ने खाड़ी के किनारे बसे  लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने का अनुरोध किया। बाढ़ प्रभावित लोगों को कोनगांव के ग्राम पंचायत समाज गृह एवं सिरेमनी हाल में रहने की व्यवस्था कराई गई है जहां उनके खाने एवं नाश्ता पानी आदि की व्यवस्था की गई है।  कल्याण रोड स्थित सरवली गांव में 14 वर्ष के बाद एक बार फिर पानी भर जाने के कारण  वहां के लोग काफी भयभीत हैं।उक्त प्रकार से निरंतर हो रही मूसलाधार बरसात ने भिवंडी शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में 26 जुलाई 2005 में बाढ़ की स्थिति को एक बार फिर ताजा कर दिया जिससे लोग भयभीत भी दिखाई दे रहे हैं।        

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