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'मिट्टी के सितारे' संगीत की प्रतिभा का एक ऐसा उत्सव है जो मुंबई के निर्धन समुदाय के लिए समर्पित है, तथा सितारों की चमक-दमक एवं ग्लैमर के बीच डोम, एनएससीआई, वर्ली में इसके ग्रैंड फिनाले का आयोजन किया गया। महाराष्ट्र के माननीय मुख्यमंत्री,  देवेन्द्र फडणवीस इस भव्य आयोजन के मुख्य अतिथि थे। इस समारोह में उपस्थित कुछ प्रसिद्ध गणमान्य व्यक्तियों में श्री रावसाहेब दानवे पाटिल, श्री चंद्रकांत दादा पाटिल, श्री सुधीर मुनगंटीवार, श्री विनोद तावड़े, श्रीमती पंकजा मुंडे शामिल थे, साथ ही इस अवसर पर संगीत एवं बॉलीवुड जगत की कई मशहूर हस्तियां भी मौजूद थीं जिनमें सम्मानित अतिथि के तौर पर आमंत्रित ग्रेमी पुरस्कार विजेता जेरी वोंडा, विशिष्ट अतिथि के तौर पर आमंत्रित पद्मश्री शंकर महादेवन, श्यामक डावर, श्रीराम अय्यर, कुमार बापी, दर्शन रावल, मनीषा कोईराला, श्री कैलाश खेर, अनु मलिक, हिमेश रेशमिया, श्री जैकी श्रॉफ, डॉ. मिकी मेहता और श्री शैलेश लोढ़ा शामिल थे।
दिव्यज फाउंडेशन की सलाहकार एवं निपुण गायिका अमृता फडणवीस ने विशेष रूप से झुग्गी-झोपड़ियों तथा बीएमसी स्कूलों के सुविधाहीन समुदाय के छात्रों के लिए इस म्यूजिकल टैलेंट हंट की शुरुआत की है। फिनाले के दौरान उन्होंने कहा, “माननीय प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदीजी से प्रेरित होकर, मैंने संगीत की शिक्षा को समाज के सुविधाओं से वंचित वर्ग के प्रतिभाशाली बच्चों तक पहुंचाने का निर्णय लिया। वाकई अपने देश में मौजूद प्रतिभाओं, ख़ासकर सुविधाहीन समुदाय में मौजूद प्रतिभाओं से मैं अत्यंत प्रसन्न एवं अभिभूत हूँ, तथा 'मिट्टी के सितारे' नामक इस प्रोजेक्ट के साथ, अब इन बच्चों ने सफलता एवं अपने लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में अपनी यात्रा शुरू कर दी है।”
7 से 15 वर्ष के बीच की आयु के असाधारण प्रतिभा के धनी 18 प्रतियोगियों में से प्रत्येक को विजेता की ट्रॉफी के साथ-साथ ₹25,000 का नकद पुरस्कार प्रदान किया गया।
दिव्यज फाउंडेशन के ट्रस्टी, श्री संपत अय्यर, श्रीमती पल्लवी श्रीवास्तव तथा मुख्य सदस्य श्री कविन शाह द्वारा दीप प्रज्ज्वलन और उपस्थित गणमान्य लोगों के अभिनंदन के साथ इस यादगार संध्या की शुरुआत हुई, जिसके बाद पर्कशनिस्ट विशेषज्ञ, शिवमणि द्वारा सुंदर प्रस्तुति दी गई।
सेमीफाइनल में पहुंचने वाले चोटी के प्रतिभागियों द्वारा प्रेरणादायक एवं उत्कृष्ट गायन, इस संध्याकालीन कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण था जिन्होंने अपने प्रदर्शन से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए, श्री शंकर महादेवन ने कहा, “जब मुंबई के सभी 1187 एमसीजीएम स्कूलों में बड़े पैमाने के इस टैलेंट हंट के लिए शंकर महादेवन अकादमी से संपर्क किया गया, तब मुझे इस चुनौती का अंदाजा था और हमने इसे स्वीकार किया। पहली बार किसी संगठन द्वारा इतने बड़े पैमाने पर प्रतियोगिता का संचालन किया गया है, साथ ही हमारे प्रतियोगिता मंच ने सभी प्रतियोगी के निष्पक्ष एवं पारदर्शी तरीके से मूल्यांकन को सुनिश्चित किया– और यह सब कुछ केवल दो-तीन हफ़्ते की अवधि में किया गया! शॉर्टलिस्ट किए गए 18 फाइनलिस्ट को हमारे संगीत प्रशिक्षकों ने तैयार किया एवं प्रशिक्षण दिया, और मुझे उनके इस शानदार कार्य पर गर्व है।”
एमपॉवर की संस्थापक एवं अध्यक्ष, श्रीमती नीरजा बिरला ने प्रतियोगियों को शुभकामनाएं दीं और कहा, “मिट्टी के सितारे की अब तक की यात्रा बेहद अद्भुत रही है। एमपॉवर की ओर से कई वर्कशॉप आयोजित किए गए, ताकि सभी फाइनलिस्ट को फाइनल की तैयारी में मदद मिल सके। बच्चों में अपनी क्षमता के इष्टतम प्रदर्शन हेतु उनके मानसिक स्वास्थ्य का बेहतर होना बेहद ज़रूरी है। यह सुनिश्चित करता है कि बच्चे ऐसा जीवन जीएँ, जो सकारात्मक अनुभवों एवं कुछ ऐसा करने की इच्छा से भरा हो, जो उसके साथ-साथ उसके आसपास के लोगों के लिए बेहतर साबित हो सके। इस तरह के वर्कशॉप से बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं से शुरुआती दौर में ही निपटने में मदद मिलेगी।”
कार्यक्रम के दौरान विजेता टीम ने कहा, "इस प्रकार का अवसर उपलब्ध कराने के लिए हम श्रीमती अमृता जी और दिव्यज फाउंडेशन के आभारी हैं। हम उस संरक्षण, अनुशासन और प्रयासों की तहे दिल से सराहना करते हैं, जो गुरुओं ने हमारे गायन कौशल को निखारने के लिए प्रदान किया है। गायन के अलावा, हमने समग्र विकास के लिए अन्य क्षेत्रों में भी प्रशिक्षण प्राप्त किया। हमने अपने प्रशिक्षण के हर पल का भरपूर आनंद लिया।”
इस सायंकालीन कार्यक्रम में प्रतिभागियों के अलावा पद्म श्री शंकर महादेवन एवं श्रीमती अमृता फडणवीस तथा श्री जेरी वोंडा, श्यामक विक्ट्री आर्ट्स फाउंडेशन के बच्चों द्वारा शानदार लाइव प्रस्तुति दी गई।
'मिट्टी के सितारे' दरअसल सामाजिक कार्यकर्ता एवं एक्सिस बैंक की उपाध्यक्ष-कॉरपोरेट प्रमुख श्रीमती अमृता फडणवीस द्वारा एमपॉवर के सहयोग से आरंभ की गई एक सामाजिक पहल है, जिसका उद्देश्य देश के हर कोने में छिपी हुई प्रतिभाओं को एक मंच प्रदान करना है। सामाजिक कल्याण से संबंधित इस परियोजना के संचालन हेतु दिव्यज फाउंडेशन द्वारा 1187 एमसीजीएम स्कूलों का सहयोग प्राप्त किया गया, ताकि समाज के सुविधाहीन वर्ग के बच्चों को संबद्ध किया जा सके उनकी पहचान हो सके तथा उनका चयन किया जा सके - जिसमें ऐसे लोग शामिल हैं, जो प्रतिभा के धनी है परंतु खुद को बेहतर बनाने के लिए उनके पास संसाधनों का अभाव है।
         
शमा ईरानी

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