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रमजान महीने में बढ़ा दिया गया है 10 रूपये प्रति लीटर, आम आदमी परेशान।
 संवाददाता, भिवंडी ।भिवंडी में दूध का भाव निश्चित नहीं होने के कारण दूध की मांग और उसकी खपत के अनुसार शेयर मार्केट की तरह रोजाना दूध का भाव घटता-बढ़ता रहता है। केवल रमजान महीने में ही दूध का भाव 10 रूपये प्रति लीटर की दर से बढ़ा दिया गया है और ईद तक कम से कम 10 से 20 रूपये और बढ़ने से भी इंकार नहीं किया जा सकता है।
   प्रायः गर्मी का मौसम आते ही दूध का भाव बढ़ा दिया जाता है, दो-चार रूपये लीटर दूध का भाव बढ़ने से किसी को कोई आपत्ति नहीं रहती है, लेकिन रमजान शुरू होते ही दूध का भाव बढ़ना शुरू हो जाता है और रमजान खत्म होते-होते ईद तक लगभग 20 से 30 रूपये तक दूध का भाव बढ़ा दिया जाता है। रमजान शुरू होने पर दूध का भाव 60 रूपये प्रति लीटर से धीरे-धीरे दो-दो रूपये प्रति लीटर बढ़ाते-बढ़ाते इस समय 70 रूपये प्रति लीटर कर दिया गया है। इससे पहले रमजान महीने में अचानक दूध का भाव बढ़ा दिया जाता था, लेकिन स्थानीय नागरिकों के विरोध के कारण आए दिन दो-दो रूपये बढ़ाया जा रहा है। स्थानीय नागरिकों का मानना है कि यदि इसी प्रकार से दूध का भाव बढ़ता रहा तो ईद तक 80 रूपये से 90 रूपये तक पहुंच जाएगा। वहीं   
दूध की बढ़ती कीमतों के पीछे दूध की मांग और उसकी खपत बताई जा रही है, भिवंडी दूध उत्पादक एवं विक्रेता महासंघ के अध्यक्ष आनंद गद्रे ने बताया कि गर्मी के मौसम में एक तरफ दूध देने वाले जानवरों में दूध की कमी हो जाती है। दूसरी तरफ गर्मी के मौसम में दूध की मांग एवं उसकी खपत भी अधिक हो जाती है, गर्मी के मौसम में आइसक्रीम एवं लस्सी बनाने वालों के यहां दूध की मांग जहां अधिक हो जाती है वहीं विवाह का मौसम होने के कारण दूध की खपत और अधिक हो जाती है। इसके अलावा रमजान महीने में भी दूध की खपत अधिक हो जाती है, दूध न लेने वाला भी रमजान महीने में सेहरी आदि के लिए दूध जरूर लेता है इसके अलावा रमजान महीने में मिठाई दूकानदार विभिन्न प्रकार के मीठे का पकवान बनाते है इसकारण भी दूध की खपत अधिक हो जाती है। 
भिवंडी में दो तरीके से दूध की विक्री होती है पहले तो दूध के भाव की एक निश्चित दर है जिससे पूरे सालभर उसी दर से दूध लेना पड़ता है। इस समय दूध की निश्चित दर 56 रूपये प्रति लीटर है, 56 रूपये की दर से दूध का भाव निश्चित कर लेने से दिवाली से दीवाली तक,जनवरी से दिसंबर तक या फिर मार्च से अप्रैल तक पूरे साल तक एक भाव में दूध मिलता रहेगा। लेकिन खुले बाज़ार में दूध लेने पर उसका भाव घटता-बढ़ता रहता है। खुले बाज़ार में दूध लेने पर उसका भाव 56 रूपये से लेकर 70-80 रूपये तक चला जाता है।   
भिवंडी दूध उत्पादक एवं विक्रेता महासंघ के अध्यक्ष आनंद गद्रे बताते हैं कि आसपास के शहरों की अपेक्षा भिवंडी में दूध का भाव सबसे कम  है। उन्होंने बताया कि कल्याण में 80 रूपये लीटर,ठाणे में 72 रूपये लीटर,कामन में 79 रूपये लीटर,पड़घा एवं महापोली में 70 रूपये लीटर फिक्स दूध का भाव है, वहीं पैकेट दूध का भाव भी 56 रूपये लीटर है। इसकी तुलना में भिवंडी में दूध का भाव अन्य शहरों की अपेक्षा बहुत कम है। आनंद गद्रे ने बताया कि भिवंडी में जहां से भैंस आती हैं वहां भी दूध का भाव कम नहीं है उन्होंने बताया कि गुजरात,हरियाणा एवं बागपत में भी दूध का भाव 60 से 65 रूपये लीटर है।
   
भिवंडी दूध उत्पादक एवं विक्रेता महासंघ के अध्यक्ष आनंद गद्रे ने बताया कि पूर्व वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष दूध उत्पादन की लागत काफी बढ़ गई है। जानवरों को खिलाने वाले चारों में चार-चार गुना की वृद्धि हो गई है जिसके कारण दूध की कीमत बढ़ाना उनकी मजबूरी हो गई है, उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र की घास एवं चारे को अवैध रूप से  गुजरात में भेज दिया जा रहा है। जिसके कारण जो घास पूर्व वर्ष चार रूपये किलो मिलती थी वही घास इस वर्ष 16 रूपये किलो मिल रही है। इसी प्रकार 18 रूपये किलो वाली कपास की खली एवं चूनी 32 रूपये किलो, 15 रूपये किलो वाला मक्का 28 रूपये किलो में मिल रहा है। आनंद गद्रे ने बताया कि यहां से घास एवं चारे को अवैध रूप से  गुजरात में भेजे जाने पर उसकी शिकायत पालघर के जिलाधिकारी से भी की गई ही।हमें आशा है कि उक्त समस्याओं का समाधान अवश्य रूप से जल्द होगा।

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