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भारत सरकार, झारखंड सरकार और विश्व बैंक ने झारखंड के लोगों को बुनियादी शहरी सेवाएं मुहैया कराने और राज्य के शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) की प्रबंधन क्षमता बेहतर करने के लिए आज 147 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए।

झारखंड नगरपालिका विकास परियोजना के तहत बुनियादी शहरी सेवाएं मुहैया कराने के लिए नगरपालिका क्षेत्र (सेक्टर) की क्षमता बेहतर करने पर फोकस किया जाएगा। इसके तहत शहरी वित्त और गवर्नेंस के क्षेत्रों में सुधारों को लागू करने के लिए विभिन्न शहरी सेवाओं जैसे कि जलापूर्ति, सीवरेज, जल निकासी एवं शहर की सड़कों में निवेश किया जाएगा और झारखंड अर्बन इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कंपनी (जेयूआईडीसीओ) के साथ-साथ शहरी  स्थानीय निकायों की भी क्षमता मजबूत की जाएगी।

यह तेजी से शहरीकरण की दिशा में अग्रसर इस राज्य की जरूरतों के अनुरूप है, जहां लगभग 31 मिलियन लोग शहरी क्षेत्रों में रहते हैं और झारखंड के 24 जिलों में से 9 जिलों में शहरी आबादी की वृद्धि दर भारत की 2.7 प्रतिशत की समग्र शहरीकरण गति से अधिक है।

वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग में अपर सचिव श्री समीर कुमार खरे ने कहा, ‘भारत सरकार यह बात बखूबी समझती है कि शहरीकरण एवं आर्थिक विकास आपस में जुड़े हुए हैं और इसने अमृत कार्यक्रम के जरिए नगरपालिका संबंधी सुधारों के लिए एक व्यापक खाका (रोडमैप) पेश किया है।’ उन्होंने कहा, ‘झारखंड नगरपालिका सुधार कार्यक्रम तेजी से शहरीकरण की दिशा में अग्रसर इस राज्य में शहरी सेवाओं को सुदृढ़ एवं बेहतर करने की दृष्टि से एक निर्णायक कदम साबित होगा और इससे आर्थिक विकास को नई गति मिलेगी।’

उपर्युक्त ऋण समझौते पर भारत सरकार की ओर से वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग में अपर सचिव श्री समीर कुमार खरे और विश्व बैंक की ओर से विश्व बैंक के कार्यवाहक कंट्री डायरेक्टर (भारत) श्री शंकर लाल ने हस्ताक्षर किए। उधर, ‘परियोजना समझौते’ पर झारखंड सरकार की ओर से शहरी विकास एवं आवास विभाग की राज्य शहरी विकास एजेंसी (एसयूडीए) के निदेशक श्री अमित कुमार, झारखंड अर्बन इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कंपनी की ओर से उप-परियोजना निदेशक (ईएपी) श्री उत्कर्ष मिश्रा और विश्व बैंक की ओर से विश्व बैंक के कार्यवाहक कंट्री डायरेक्टर (भारत) श्री शंकर लाल ने हस्ताक्षर किए।

कार्यवाहक कंट्री डायरेक्टर (भारत) श्री लाल ने कहा कि पिछले दशक से झारखंड शहरी स्थानीय निकायों को विकास तथा नगरपालिका सेवाएं प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका प्रदान कर रहा है। हालांकि राज्य के लिए बड़े पैमाने पर सुधार तथा निवेश पूरे नहीं हो पाए है। उन्होंने कहा कि यह परियोजना शहरी स्थानीय निकायों की क्षमता को मजबूत करने में सहायता प्रदान करेगी। इसके तहत नगरपालिका सेवाओं में निवेश किया जाएगा।

      राज्य के सभी 43 यूएलबी के लिए अधिकांश घटक खुले है, जो इस योजना के सहमति फ्रैमवर्क के आधार पर सहभागी बन सकते है। इससे 3,50,000 शहरी निवासियों को को लाभ होगा। इनमें से 45 प्रतिशत महिलाएं होगी।

      पाईप के माध्यम से जलापूर्ति, जल निकासी के लिए पम्पों-मशीनों का इस्तेमाल, पर्यावरण अनुकूल सड़क निर्माण और ऊर्जा दक्षता के साथ सड़कों पर रोशनी की व्यवस्था से शहरी सेवाएं बेहतर होगी और यह पर्यावरण के भी अनुकूल होगा।

      दो उप योजनाएं- खूंटी जलापूर्ति उप योजना तथा धनबाद सड़क उप योजना का कार्य जल्द ही शुरू होगा। अन्य प्रमुख घटकों के तहत योजना से शहरी प्रशासन बेहतर होगा, क्योंकि शहरी स्थानीय निकायों को अपनी संगठन क्षमता में वृद्धि, वित्तीय प्रबंधन और नोडल एजेंसी जेयूआईडीसीओ के विकास के लिए सहायता दी जाएगी।

   वरिष्ठ शहरी विकास विशेषज्ञ और योजना के लिए टास्क टीम की लीडर सुश्री वसुधा थावाकर ने कहा कि शहरी अवसंरचना और सेवाओं के क्षेत्र में झारखंड को बड़े निवेश की जरूरत है। ऐसे निवेशों के लिए चरणबद्ध दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। यह योजना मूलभूत सुविधाओं तक पहुंच और संस्थानों के क्षमता निर्माण के बीच के अंतर को समाप्त करने पर जोर देगी, ताकि सेवाओं को आसानी से उपलब्ध कराया जा सके तथा इनका बेहतर प्रबंधन किया जा सके।

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