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ठाणे आरटीओ कार्यालय के तत्कालीन उपप्रादेशिक परिवहन अधिकारी संजय डोले की जांच करने हेतु राष्ट्रपति कार्यालय ने मुख्य सचिव को दिए कार्रवाई के आदेश;परिवहन विभाग में मचा हडकंप।
 संवाददाता, भिवंडी । ठाणे प्रादेशिक परिवहन कार्यालय में तीन वर्ष तक कार्यरत रहने वाले तथा वर्तमान में सोलापूर स्थित उपप्रादेशिक परिवहन अधिकारी के रूप में कार्यभार संभालने वाले संजय चंद्रकांत डोले के भ्रष्ट व मनमानी कार्यभार की जांच कर  इसके ऊपर कार्रवाई करने के लिए आदेश महामहिम राष्ट्रपति के कार्यालयीन सचिव अशोक कुमार ने महारष्ट्र राज्य के मुख्य सचिव यू.पी.एस.मदान ने दिए हैं।उक्त प्रकार की कार्रवाई के आदेश के बाद परिवहन विभाग में प्रचंड हडकंप मचा हुआ है। उक्त प्रकरण बाबत राष्ट्रीय मानव हक्क मंच के अध्यक्ष शरद धुमाल ने राष्ट्रपति के पास ज्ञापन प्रस्तुत किया था।जिसे गंभीरता से लेते हुए महामहिम राष्ट्रपति रामानंद कोविंद ने तत्काल प्रभाव से जांच कर दोषी पर कार्रवाई करने के लिए निर्देश दिए हैं। संजय चंद्रकांत डोले यह ठाणे स्थित ३ वर्ष तक उपप्रादेशिक परिवहन अधिकारी के रूप में कार्यरत थे। ठाणे आर.टी.ओ में प्रादेशिक परिवहन अधिकारी मधुकर बी.जाधव के विरुद्ध घोर लापरवाही करने  कारण कार्यक्षम व डेसिंग  अधिकारी तथा पूर्व परिवहन आयुक्त महेश झगडे ने उन्हें निलंबित कर दिया था। मधुकर जाधव के निलंबन के बाद ठाणे आरटीओ के प्रमुख संजय चंद्रकांत डोले की नियुक्ती की गई थी। संजय डोले के पास ठाणे परिवहन विभाग का कार्यभार सौंपा गया था जिसके बाद तमाम ठाणेकर नागरिकों को परिवहन विषयी सुविधा उत्तम प्रकार की मिलेगी ऐसा विश्वास  शासन को था। परंतु संजय डोले के पास प्रादेशिक परिवहन अधिकारी व उपप्रादेशिक परिवहन अधिकारी इन दोनों पदों का पदभार ग्रहण करने के बाद ठाणे आरटीओ कार्यालय में मनमाना व भ्रष्टाचार को बढावा मिला। दलालों ने सारी हदें पार कर दिया था, संजय डोले के कार्यालय में ठाणे आरटीओ कर्मचारी व  स्वयं संजय डोले ने सेवा प्रवेश करते समय मत्ता व दायीत्व का विवरण पत्र प्रस्तुत न करते हुए शासन के नियमों को भंग कर आर्थिक लाभ किया था। शासन के आदेशानुसार प्रवासी कर  व बाल पोषण अधिभार की वसूली न करते हुए शासन के महसूल की करोड़ों रुपये के राजस्व की हानि की। उच्च न्यायालय के निर्देशाप्रमाणे सभी वाहनों को फिटनेस सर्टिफिकेट प्रदान करते समय सीसीटीवी के चित्रीकरण न करते हुए उच्च न्यायालय के आदेशों की अवमानना किया, अवैध प्रवासी वाहतूक पर किसी प्रकार का नियंत्रण रखने में असफल रहे। रास्ता अभियान की अमलबजावनी करते हुए  काम में भ्रष्टाचार व मनमानी करते हुए शासन का मुद्रांक शुल्क की हानि की। उक्त सभी बाबत राष्ट्रीय मानव हक्क मंच के अध्यक्ष व सामाजिक कार्यकर्ता शरद धुमाल ने महाराष्ट्र राज्य के मुख्यमंत्री , मुख्य सचिव ,परिवहन विभाग के प्रधान सचिव ,परिवहन आयुक्त के समक्ष समय समय से ज्ञापन प्रस्तुत कर संजय डोले के भ्रष्ट्र कार्यभार की जांच करने की मांग की थी।परंतु संबंधित यंत्रणा ने इस पर दुर्लक्ष कर संजय डोले को संरक्षण देने का काम किया है।जिसकारण  अंतत शरद धुमाल ने संजय डोले के मनमाने व भ्रष्टाचार की जांच करने के लिए महामहिम राष्ट्रपति रामनाथजी कोविंद के समक्ष ज्ञापन प्रस्तुत किया था।उक्त ज्ञापन पर महामहिम राष्ट्रपती ने गंभीरता से लेते हुए  संजय डोले उपप्रादेशिक परिवहन अधिकारी की विस्तृत जांच करने के लिए निर्देश व उसके विरूद्ध कार्रवाई  करने के लिए निर्देश महाराष्ट्र राज्य के मुख्य सचिव को दिए हैं।उक्त प्रकार के आदेश के बाद परिवहन विभाग में प्रचंड हडकंप मचा हुआ है।भारत के सर्वोच्च घटनात्मक प्रमुख माने जाने वाले राष्ट्रपती द्वारा दिए गए आदेश पर महाराष्ट्र राज्य के मुख्य सचिव यू.पी.एस.मदान व राज्य के परिवहन आयुक्त शेखर चन्ने यह किस प्रकार की कौन सी कार्रवाई करते हैं इस पर जनता अपना ध्यान केंद्रित कर प्रतीक्षा कर रही है।


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