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मानव उत्थान सेवा समिति, भिवंडी द्वारा शहर के कोंबड़पाडा स्थित सद्भावना संत सम्मेलन का आयोजन किया गया। बेलापुर आश्रम से पधारी संत पारसमणि बहन जी ने उपस्थित भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि सत्संग प्रेमी भाग्यवान ही सत्संग में आते हैं। इस संसार से सभी को जाना है। संसार कष्टों का मूल है। जिसने परमपिता परमात्मा का सुमिरन किया उसका बेड़ा पार होता है। एक परमात्मा ही है जो, आत्मशक्ति  से सब कुछ जान लेता है।  मानव जीवन बड़े सौभाग्य से मिलता है।केवल मानव शरीर ही परमात्मा को प्राप्त कर सकता है।इसलिय संतो के वचन को जीवन में उतारो, जीवन का कल्याण हो जाएगा। इसके लिए  संतों की सेवा के साथ साथ मानव की सेवा भी आवश्यक है। सेवा का संतमत में बड़ा ही महत्व है। सेवा तन, मन, धन से करनी चाहिए। जीव संसार में ईश्वर भक्ति के लिए आता है। यह दुर्लभ तन बड़े सौभाग्य से मिलता है, लेकिन मनुष्य सांसारिक जीवन में आकर  मालिक को भूलकर सभी नाशवान वस्तुओं से प्रेम कर अपने मुख्य मार्ग से भटक जाता है। जिसके कारण मनुष्य को जीवन में बड़ा ही कष्ट उठाना पड़ता है। अपने पूर्व जन्म और इस जन्म में किए गए कार्यों का फल भुगतना पड़ता है। इसीलिए सत्संग में जाकर संतो के वचन का अनुग्रह करके मनुष्य ईश्वर की पूजा में अपने को समर्पित कर अपने कर्मों को काट सकता है। यह सौभाग्य केवल मानव तन के लिए ही मिला है। अन्य सांसारिक जीवो को यह सौभाग्य नहीं प्राप्त होता। इसलिए सभी भक्तों को पूरी आस्था श्रद्धा और भक्ति के साथ ईश्वर का सुमिरन भजन करना चाहिए। इस कार्यक्रम में पधारे संत मुसाफिरानंद जी वसई आश्रम, उर्मिलाबाई जी मुंबई आश्रम, सुहासिनी बाईजी कल्याण आश्रम, पारसमणि बहन जी बेलापुर आश्रम, रमाबाई जी भिवंडी आश्रम ने प्रवचन का लाभ भक्तों को दिया। इस कार्यक्रम के मुख्य आयोजक जवाहरलाल पांडे, रामदेव यादव, वर्मा जी, धर्मराज, दिनेश, प्रवीण ने कार्यक्रम को सफल बनाने में हरसंभव अथक प्रयास किया ।उक्त अवसर पर सद्गुरु भक्त लाल मोहम्मद के भजन पर सभी भक्त झूम उठे। लाल मोहम्मद के गाए भजन" जहां गूंजे राम रहीम का नारा, वह भारत देश हमारा"" ने भक्तों का मन मोह लिया। उक्त अवसर पर भिवंडी कल्याण बेलापुर मुंबई वसई तथा आसपास के अन्य शहरों से भारी संख्या में स्त्री व पुरुष भक्त शामिल हुए सभी के लिए प्रसाद की व्यवस्था की गई थी। कार्यक्रम में श्रीराज सिंह, भीमजी भाई, बाबा जी तथा भिवंडी शिवसेना महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष श्रीमती वैशाली मिस्त्री, आचार्य सूरजपाल यादव का सम्मान किया गया।

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