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मुंबई:- उत्तर भारतीय मित्र मंडल मुलुंड द्वारा मकर संक्रांति की पूर्व संध्या पर कवि सम्मेलन का आयोजन मुलुंड हाई स्कूल, चंदन बाग,मुलुंड(प) पर के एन सिंह की अध्यक्षता में किया गया।
कवि सम्मेलन का संचालन वरिष्ठ कवि हरजिंदर सिंह सेठी ने किया।
सम्मेलन में सुप्रसिद्ध कवि हृदयेश मयंक,लक्ष्मण दुबे ,राज सुमन, डॉ राज बुन्देली, एन बी सिंह'नादान',त्रिलोचन सिंह अरोरा, रामप्यारे रघुवंशी,मुज्त हसन अज्म,श्रीमती वंदना श्रीवास्तव, श्रीमती प्रभा शर्मा ने अपनी रचनाओं से सभी का भरपूर मनोरंजन किया।
  इस अवसर पर प्रमुख अतिथि के रूप में हरी भाऊ राठौड़ (विधायक, पूर्व सांसद),आर डी सिंह(पूर्व प्रधानाचार्य),उदयभान सिंह(वरिष्ठ समाजसेवी, जौनपुर),श्रीमती देवता मंगला सिंह(उपाध्यक्ष-ठाणे शहर कांग्रेस),समाजसेवी प्रह्लाद मिश्रा,हरिद्वार सिंह,कन्हैया लाल गुप्ता,दयाशंकर सिंह,एड दयानंद पाठक,श्रीमती बबिता गुप्ता उपस्थित रहे।
अतिथियों का सत्कार डॉ बाबुलाल सिंह,ए के सिंह,रतिनाथ शुक्ला,कालिका सिंह,धर्मराज सिंह,राजेश सिंह,सुरेंद्र मिश्रा,डॉ आर एम पाल,शिवदत्त सिंह,दिलीप गुप्ता, डॉ सचिन सिंह,डॉ गुलाब चंद मौर्य,श्रीमती जयबाला सिंह ने किया।
कवि हृदयेश मयंक गीत गजल एवं अवधी गीत "चला चली गोरिया नदिया के तीरे",लक्ष्मण दुबे ने दोहे"याद हमारी आयेगी याद रखना, आज पानी दाम पर बिकने लगा है,कल हवाओं की है बारी याद रखना",राज सुमन की भोजपुरी रचना "मरकहवा मारेस एक लात,जाड़े की रात,जाड़े की रात",वंदना श्रीवास्तव की "राम और रहीम कहके साजिशें बहुत हुई,अब तो कुछ होश में आओ,बहुत अंधेरा है",डॉ राज बुन्देली की वीर रस की रचना " अमर शहीदों के चरणों में शत शत शीश झुकाता हूँ " एवं अन्य कवियों के गीतों,गजलों की श्रोताओं ने भरपूर सराहना की।
 कार्यक्रम के अंत में लोगों ने सलोनी एवं तिलगुड़ का स्वाद लिया।

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