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केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्य मंत्री रामदास आठवले के साथ हुई धक्का-मुक्की और मारपीट के विरोध में  आरपीआई(अ )भिवंडी अध्यक्ष महेंद्र सीताराम गायकवाड ने  सोमवार को दोपहर तक भिवंडी  बंद की घोषणा की थी। इस बंद के दौरान नाराज आरपीआई कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने  धामनकर चौक स्थित  रास्ता रोको आंदोलन कर केंद्रीय मंत्री आठवले के साथ धक्का-मुक्की करने वाले प्रवीण गोसावी और  उसके पीछे षड्यंत्र करने वालों के विरुद्ध जांच कर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की।
       गौरतलब है कि   भिवंडी आरपीआई (अ) शहर अध्यक्ष महेंद्र गायकवाड के नेतृत्व में सोमवार को सुबह 11 बजे से सैकड़ों भीम सैनिक व महिलाओ ने नारेबाजी  करते हुए सड़क पर उतरे। बंद की अपील की वजह से धामनकर नाका परिसर के  कालेज रोड, पद्मानगर, धामनकर नाका क्षेत्र के व्यापारियों ने अपनी दुकान बंद कर आंदोलन को समर्थन दिया। भिवंडी ठाणे जाने वाले प्रमुख आगरा रोड पर स्थित धामणकर नाका चौक पर बैठकर बंद का समर्थन करने वाली भीड़ ने रास्ता रोको आंदोलन किया । इस आंदोलन के प्रमुख सूत्रधार महेंद्र गायकवाड, प्राध्यापक सुमित्र काम्बले, पिंटिया पाईकराव, उत्तर भारतीय प्रकोष्ठ के अध्यक्ष शंकर आर चक्रवर्ती मुन्ना, विजय काम्बले, अविनाश काम्बले, सोमनाथ पांढरे, राजू  एन्नाराम, बाबासाहब लांडगे, नगरसेविका नंदिनी महेंद्र  गायकवाड, विजयनंदा गायकवाड, सविता नागनसुरे, अंबादास गायकवाड सहित सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल थे। बंद को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था, लेकिन रास्ता रोको आंदोलन के संदर्भ में पुलिस द्वारा सही नियोजन न किए जाने के कारण मुख्य सड़क पर आधे घंटे तक यातायात जाम रहा। उसके पश्चात शहर अध्यक्ष महेंद्र गायकवाड, प्रदेश कमेटी के सदस्य प्राध्यापक सुमित्र काम्बले ने अपने विचार व्यक्त कर अपनी बात शासन तक पहुंचाने हेतु भिवंडी पुलिस उपायुक्त को ज्ञापन देकर मांग की  कि इस घटना के प्रमुख आरोपी प्रवीण गोसावी और उसके पीछे षड्यंत्र रचने वाले सूत्रधार की जांच कर उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए। दोपहर के बाद बंद वापस ले लिया गया, साथ में आरपीआई शहर अध्यक्ष महेंद्र गायकवाड ने आंदोलन कर रहे लोगों से अपील की कि वह किसी को नुकसान ना पहुंचाएं, शांतिपूर्वक अपने अपने घरों को वापस लौट जाएं। ऐसा ही हुआ आंदोलन कर्ताओं ने अपने नेताओं की बात को माना। इस बंद के दौरान कोई भी अप्रिय घटना नहीं हुई। जिसकी वजह से धामनकर नाका क्षेत्र के रहने वाले लोग दुकानदार तथा व्यापारी संगठनों ने राहत की सांस ली। 

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