संवाददाता, भिवंडी । महाराष्ट्र राज्य के विधान मंडल की सर्वोच्च समिति के लोकलेखा समिति ने शासन के राजस्व का करोड़ों रुपये का नुकसान करने वाले अरुण भालचंद्र व अन्य १५ अधिकारियों की विभागीय जांच करने का आदेश परिवहन विभाग को दिए थे। लोकलेखा समिति के आदेश को ठुकराने के विरुद्ध राष्ट्रीय मानवहक्क मंच के अध्यक्ष शरद धुमाल ने महामहिम राष्ट्रपती श्री. रामनाथ कोविंद के समक्ष ज्ञापन प्रस्तुत किया था।उक्त विज्ञापन को गंभीरता से लेते हुए महामहिम राष्ट्रपती श्री. रामनाथ कोविंद ने परिवहन उपायुक्त अरुण भालचंद्र के विरुद्ध कार्रवाई करने के आदेश पारित किए हैं जिसके अंतर्गत राष्ट्रपती कार्यालय के उपसचिव अशोक कुमार ने पत्र क्र.जा. क्र. - पी 2/अे /0805180183 नुसार महाराष्ट्र राज्य के मुख्य सचिव डी.के.जैन को आदेश दिए हैं।
उल्लेखनीय है कि अरुण भालचंद्र जो परिवहन आयुक्त कार्यालय में परिवहन उपायुक्त (प्रशाषण) के पद पर आज भी कार्यरत हैं।भालचंद्र यह मुंबई विभाग में प्रादेशिक परिवहन अधिकारी पद पर कार्यरत थे उस समय शासन के राजस्व का नुकसान पहुंचाने का आरोप लोकलेखा समिति द्वारा लगाया गया था, जिसकी विभागीय जांच करने का आदेश लोकलेखा समिति ने तथा परिवहन मंत्री ने परिवहन विभाग को दिए हैं। परंतु शासन के राजस्व का नुकसान पहुंचाने वाले अरुण भालचंद्र व अन्य १५ अधिकारियों की विभागीय जांच न करते हुए उन्हें संरक्षण देने का काम तत्कालीन परिवहन आयुक्त प्रवीण गेडाम ,परिवहन विभाग के उपसचिव प्रकाश साबले ,अप्पर परिवहन आयुक्त सतिष सहस्रबुद्धे ने व सह परिवहन आयुक्त प्रसाद महाजन ने किया है।इसी प्रकार भालचंद्र ने राजस्व का नुकसान करने के लिए उपहार के रूप में भालचंद्र को प्रादेशिक परिवहन अधिकारी पद से परिवहन उपायुक्त (प्रशाषण) जैसे महत्वपूर्ण पद पर पदोन्नती कर दिया है।
परिवहन विभाग के उल्टे व अत्यंत गैर कृत्य के विरुद्ध शरद धुमाल ने राज्य के मुख्यसचिव परिवहन विभाग के प्रधान सचिव व परिवहन आयुक्त के समक्ष समय समय पर पत्रव्यवहार किया है।परंतु अधिकारी ने अरुण भालचंद्र व अन्य १५ अधिकारियों को संरक्षण व समर्थन देने का काम जारी रखने के पश्चात शरद धुमाल महामहिम राष्ट्रपती श्री. रामनाथ कोविंद के समक्ष ज्ञापन प्रस्तुत किया था।जिसे महामहिम ने गंभीरता से लेते हुए शासन का करोड़ों रुपये की राजस्व का नुकसान करने वाले परिवहन उपायुक्त अरुण भालचंद्र व अन्य १५ अधिकारियों के विरुद्ध कडी कार्रवाई करने का आदेश महाराष्ट्र राज्य के मुख्य सचिव डी.के.जैन को दिए हैं जिससे परिवहन आयुक्त कार्यालय हडकंप मचा हुआ है।तथा मुख्य सचिव डी.के.जैन द्वारा उक्त प्रकरण में किस प्रकार की कार्रवाई की जाएगी इस पर नागरिकों का लगा हुआ है वहीं राष्ट्रीय मानव हक्क मंच के अध्यक्ष शरद धुमाल का सर्वत्र अभिनंदन किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि अरुण भालचंद्र जो परिवहन आयुक्त कार्यालय में परिवहन उपायुक्त (प्रशाषण) के पद पर आज भी कार्यरत हैं।भालचंद्र यह मुंबई विभाग में प्रादेशिक परिवहन अधिकारी पद पर कार्यरत थे उस समय शासन के राजस्व का नुकसान पहुंचाने का आरोप लोकलेखा समिति द्वारा लगाया गया था, जिसकी विभागीय जांच करने का आदेश लोकलेखा समिति ने तथा परिवहन मंत्री ने परिवहन विभाग को दिए हैं। परंतु शासन के राजस्व का नुकसान पहुंचाने वाले अरुण भालचंद्र व अन्य १५ अधिकारियों की विभागीय जांच न करते हुए उन्हें संरक्षण देने का काम तत्कालीन परिवहन आयुक्त प्रवीण गेडाम ,परिवहन विभाग के उपसचिव प्रकाश साबले ,अप्पर परिवहन आयुक्त सतिष सहस्रबुद्धे ने व सह परिवहन आयुक्त प्रसाद महाजन ने किया है।इसी प्रकार भालचंद्र ने राजस्व का नुकसान करने के लिए उपहार के रूप में भालचंद्र को प्रादेशिक परिवहन अधिकारी पद से परिवहन उपायुक्त (प्रशाषण) जैसे महत्वपूर्ण पद पर पदोन्नती कर दिया है।
परिवहन विभाग के उल्टे व अत्यंत गैर कृत्य के विरुद्ध शरद धुमाल ने राज्य के मुख्यसचिव परिवहन विभाग के प्रधान सचिव व परिवहन आयुक्त के समक्ष समय समय पर पत्रव्यवहार किया है।परंतु अधिकारी ने अरुण भालचंद्र व अन्य १५ अधिकारियों को संरक्षण व समर्थन देने का काम जारी रखने के पश्चात शरद धुमाल महामहिम राष्ट्रपती श्री. रामनाथ कोविंद के समक्ष ज्ञापन प्रस्तुत किया था।जिसे महामहिम ने गंभीरता से लेते हुए शासन का करोड़ों रुपये की राजस्व का नुकसान करने वाले परिवहन उपायुक्त अरुण भालचंद्र व अन्य १५ अधिकारियों के विरुद्ध कडी कार्रवाई करने का आदेश महाराष्ट्र राज्य के मुख्य सचिव डी.के.जैन को दिए हैं जिससे परिवहन आयुक्त कार्यालय हडकंप मचा हुआ है।तथा मुख्य सचिव डी.के.जैन द्वारा उक्त प्रकरण में किस प्रकार की कार्रवाई की जाएगी इस पर नागरिकों का लगा हुआ है वहीं राष्ट्रीय मानव हक्क मंच के अध्यक्ष शरद धुमाल का सर्वत्र अभिनंदन किया जा रहा है।
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