मुंबई। मुंबई महानगरपालिका की ओर से जल्द ही गेटवे ऑफ इंडिया इलाके में ई टॉईलेट बनाए जाने की योजना है। बता दें गेटवे ऑफ इंडिया इलाके में बड़े पैमाने पर पर्यटक घूमने आते हैं। पर्यटकों की तुलना में इस क्षेत्र में शौचालय की कमी है, इसलिए महानगरपालिका ने इस इलाके को और अधिक स्वच्छ रखने के ई टॉईलेट बनाने का फैसला किया है। लायन्स क्लब की ओर से यह ई-शौचालय बनाए जाने की तैयारी है।
मिली जानकारी के अनुसार गेटवे ऑफ इंडिया इलाके में सिर्फ एक टॉइलेट है। इसमें महिलाओं के लिए 3 सीट और पुरुषों के लिए 3 सीट है। छुट्टी के दिनों में खासकर शनिवार, रविवार के दौरान शौचायल में काफी गर्दी होती है। अधिक भीड़ होने के कारण पर्यटकों यहां शौचालय के लिए बड़ी परेशानी होती है। कई वर्षों से इस इलाके के लोग अतिरिक्त शौचालय बनाने की मांग कर रहे है। इस शौचालय का उपयोग करने के लिए लोगों को 5 रुपए का सिक्का डालना पड़ेगा और उसके बाद शौचालय के दरवाजे खुलेंगे यह एक मानव रहित इलेक्ट्रॉनिक शौचालय होगा। यहां के फर्श को स्वचालित रूप से साफ किया जाएगा। फ्लशिंग सिस्टम सेंसर प्रौद्योगिकी पर आधारित है। ई-शौचालय दो बार फ्लश करेगा, यदि उपयोगकर्ता अधिक समय लेता है।इस शौचालय के खुलने से टैक्सी ड्राइवरों को विशेष रूप से फायदा होगा क्योंकि उन्हें गेटवे ऑफ इंडिया में खुले स्थान पर पेशाब करना पड़ता। क्योंकि यहां पर पर्याप्त शौचालय नहीं हैं।
बता दें कि इस तरह का शौचालय पहली बार नवी मुंबई महानगरपालिका ने वर्ष 2015 अगस्त माह में सफलतापूर्वक किया था। मुंबई में यह एक पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरु किया जा रहा है।अगर यह सफल होता है तो आगे अन्य जगहों पर भी बनाया जाएगा।
मिली जानकारी के अनुसार गेटवे ऑफ इंडिया इलाके में सिर्फ एक टॉइलेट है। इसमें महिलाओं के लिए 3 सीट और पुरुषों के लिए 3 सीट है। छुट्टी के दिनों में खासकर शनिवार, रविवार के दौरान शौचायल में काफी गर्दी होती है। अधिक भीड़ होने के कारण पर्यटकों यहां शौचालय के लिए बड़ी परेशानी होती है। कई वर्षों से इस इलाके के लोग अतिरिक्त शौचालय बनाने की मांग कर रहे है। इस शौचालय का उपयोग करने के लिए लोगों को 5 रुपए का सिक्का डालना पड़ेगा और उसके बाद शौचालय के दरवाजे खुलेंगे यह एक मानव रहित इलेक्ट्रॉनिक शौचालय होगा। यहां के फर्श को स्वचालित रूप से साफ किया जाएगा। फ्लशिंग सिस्टम सेंसर प्रौद्योगिकी पर आधारित है। ई-शौचालय दो बार फ्लश करेगा, यदि उपयोगकर्ता अधिक समय लेता है।इस शौचालय के खुलने से टैक्सी ड्राइवरों को विशेष रूप से फायदा होगा क्योंकि उन्हें गेटवे ऑफ इंडिया में खुले स्थान पर पेशाब करना पड़ता। क्योंकि यहां पर पर्याप्त शौचालय नहीं हैं।
बता दें कि इस तरह का शौचालय पहली बार नवी मुंबई महानगरपालिका ने वर्ष 2015 अगस्त माह में सफलतापूर्वक किया था। मुंबई में यह एक पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरु किया जा रहा है।अगर यह सफल होता है तो आगे अन्य जगहों पर भी बनाया जाएगा।
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