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मुंबई ।पूर्व महापौर मिलिंद वैद्य के विरोध के बावजूद माहिम और दादर चौपाटी की सफाई बीएमसी के अधिकारी के बेटे को साफ सफाई का ठेका दे दिया गया।
बता दें कि बीएमसी प्रशासन ने दादर और माहिम चौपाटी की साफ सफाई का ठेका बीएमसी के जल विभाग कार्यरत में सुनील बोरसे के बेटे अभिजीत बोरसे को
दिया है। बीएमसी प्रशासन के इस निर्णय का कोई और नहीं बल्कि शिवसेना नेता और पूर्व महापौर मिलिंद वैद्य ने विरोध किया। उन्होंने आरोप लगाया कि एक बीएमसी अधिकारी के बेटे को बीएमसी में ही किसी काम का ठेका कैसे दिया जा सकता है। मिलिंद वैद्य के विरोध का बीएमसी के विरोधी पक्ष नेता रविराजा सहित भाजपा नेता प्रभाकर शिंदे ने समर्थन किया और प्रशासन के कामकाज करने के तरीके पर सवाल उठाया। वैद्य ने तो यहां तक कहा की मीठी नदी की सफाई के लिए अलग से ठेका दिया जाता है । मीठी नदी का ही पूरा कचरा माहिम और दादर चौपाटी पर आता है फिर उसी कचरे को साफ
करने के लिए यह 6 साल के लिए 12 करोड़ खर्च किया जा रहा है। विरोधी पक्ष नेता रविराजा ने आरोप लगाया कि 7 करोड़ रुपए का काम 12 करोड़ रुपए पहुंचा दिया गया।है।उन्होंने आरोप लगाया कि बीएमसी में एक वरिष्ठ पद पर कार्यरत अधिकारी के बेटे को बीएमसी का ही काम करने का ठेका कैसे दिया जा सकता है।पूर्व महापौर।मिलिंद वैद्य सहित स्थाई समिति के कई सदस्यों के विरोध करने के बावजूद
स्थाई समिति अध्यक्ष यशवंत जाधव ने साफ -सफाई के प्रस्ताव को पास कर दिया।समिति में सभी सदस्य अपना विरोध करते रह गए। स्थाई समिति के अध्यक्ष की इस व्यवहार से शिवसेना के नगरसेवकों में नाराजगी है।

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