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भिवंडी। एम हुसेन । आदिवासी दुर्गम भाग में बच्चों में कुपोषण की समस्या में हो रही वृद्धि से शासन निर्देशानुसार ठाणे जि. प. प्रशासन ने स्कूल के बच्चों को पोषण आहार में अंडा देने का निर्णय लिया गया है। इसी के अनुसार  भिवंडी तालुका के दाभाड शैक्षणिक केंद्र अंतर्गत संचालित सभी स्कूल के बच्चों को अंडा उपलब्ध कराया गया है। स्कूल पोषण आहार में अंडा  से बच्चों के आरोग्य में अच्छी कॅलरी व पोषण मिलने में सहायता होगी।दोपहर के भोजन में अंडा देकर दाभाड शैक्षणिक केंद्र के सभी स्कूल में उपक्रम शुरू कर दिया गया है।अंडा में बौद्धीक क्षमता बढाने वाले घटक व प्रोटीन्स होने से रोज अंडे खाने की सलाह दी। अंडाविषयक जानकारी देते हुए शिक्षकों ने विद्यार्थियों  का मार्गदर्शन किय। ८५ प्रतिशत  आदिवासी विद्यार्थी  केंद्र में बच्चों को आहार में अंडा दिए जाने से  पालक व ग्रामीणों ने  आनंद व्यक्त किया।अंडे से शरीर को अधिक ऊर्जा मिलती है।  तंदुरुस्त रहने के लिए वर्षभर में कम से कम १८० अंडा खाना अनिवार्य है।जिसके अनुसार महीने में १५ अंडे पेट में जाना जरूरी है। अंडे के प्रयोग से प्रोटीन्स ,विविध प्रकार के विटामिन ,खनिज,लोहा,आयोडीन,जिंक इस प्रकार बहुत से विविध घटक मिलते हैं।मानवीय शरीर के लिए आवश्यक  सभी पोषण मूल्य अंडे से मिलते हैं। जो शारीरिक तंदुरुुस्ती के लिए  आहार में नियमित रूप से अंडा खाना जरूरी है ऐसा दाभाड शैक्षणिक केंद्र के केंद्रप्रमुख शामसुंदर दोंदे ने कहा। उक्त अवसर पर दाभाड शैक्षणिक केंंद्र के  सभी मुख्याध्यापक और शिक्षकों की सराहना की गई।उक्त अवसर पर ग्रा.प.सदस्य हरिदिनी मते,पुुलिस पाटिल कस्तुरी पाटिल,ग्रा.प.सदस्य रोहिणी पाटिल,स्कूल व्यवस्थापन समिति अध्यक्ष शंकर देसले उपस्थित थे .


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