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बीएमसी अस्पताल इलाज के लिए है,यूनियन गिरी के लिए नहीं-  आई.ए. कुंदन

मुंबई। बीएमसी की अतिरिक्त आयुक्त आई ए कुंदन ने शिवड़ी स्थिति बीएमसी के टीबी अस्पताल में काम करनेवाली 3 नर्सों को उनकी नेतागिरी परेशान होकर निलंबित कर दिया। जिसके बाद इन निलंबित नर्सो ने यूनियन का सहारा लेकर इस फैसले को चुनौती देते हुए अतिरिक्त आयुक्त के खिलाफ बोलना शुरू कर दिया। उन्होंने डाक्टरों और उनपर झूठे आरोप लगाए। यह मामला गुरुवार को बीएमसी में शिवसेना ने उठाया। सभागृह में डॉक्टरों पर कार्रवाई करने की मांग की। जिसका सभी पार्टियों ने विरोध किया। बीएमसी के अतिरिक्त आयुक्त कुंदन ने शिवसेना के विरोध को यह कहकर पोल खोल दी कि मनपा
अस्पताल मरीजों के इलाज के लिए है यूनियन बाजी के लिए नहीं है। बता दें कि बीएमसी अतिरिक्त आयुक्त आई ए कुंदन ने तीन दिन पूर्व शिवड़ी टीबी अस्पताल के तीन नर्सो को मरीजों के साथ दुर्व्यवहार किए जाने के मामले को लेकर निलबिंत कर दिया था। जिसके बाद नर्स ने यूनियन का सहारा लेकर बीएमसी की कार्रवाई का विरोध करते हुए महापौर विश्वनाथ महाड़ेश्वर से
मिलकर डॉक्टरों पर कार्रवाई करने की गुहार लगाई। नर्सो ने डॉक्टरों पर झूठा आरोप लगाया की 
डाक्टर नर्स में साथ छेड़छाड़ करते है। नर्सो ने
यूनियन का सहारा लेकर महापौर के माध्यम से डाक्टरों पर कार्रवाई का दबाव।बनाया। महापौर ने डाक्टरों ओर कार्रवाई करने का निर्देश भी दे दिया था। इस बीच सभागृह में शिवसेना नगरसेविका और पूर्व महापौर श्रद्धा जाधव ने मामला
उठाते हुए डाक्टरों पर कार्रवाई करने की गुहार लगाई जिसका विरोधी पक्ष नेता रविराजा, सपा नेता रईस शेख ने बीएमसी अतिरिक्त आयुक्त कुंदन की कार्रवाई का समर्थन किया और डॉक्टरों पर झूठा आरोप लगाया जाने वाले आरोप को झूठ का पुलिंदा बताया। बीएमसी अतरिक्त आयुक्त आई ए कुंदन ने सभागृह के सामने यह बताया कि उन्होंने टीबी अस्पताल का स्वयं दौरा किया। उन्होंने बताया कि अस्पताल के नर्स आया और वार्ड बॉय की मनमानी चल रही थी।कुंदन ने कहा कि उन्होंने अस्पताल का दौरा करते समय अपनी पहचान छुपाई थी और खुद को सोशल वर्कर बताया था। नर्स की दादागिरी
इतनी थी कि रुपाली नामक नर्स से तो सभी डॉक्टर डरते थे।इसी तरह प्रीति नामक नर्स का बजी यही हाल था।अतिरिक्त आयुक्त ने तत्काल तीन नर्स को निलंबित कर दिया था। नर्स को निलबिंत किए जाने के मामले को लेकर नर्स ने
डाक्टरों पर गलत व्यवहार का आरोप लागाया।अतिरिक्त आयुक्त ने यह भी जानाकरी दी कि अस्पताल के छोटे बच्चे जो कि टीबी बीमारी से ग्रसित थे। नर्स उनके साथ अमानवीय व्यवहार करती थी जो कि असहनीय था।रात के समय मरीज
छोटे बच्चे डरे इसके लिए बिजली बंद कर दी जाती थी पंखे बंद कर दिए जाते है और बच्चों को इंजेक्शन देने को लेकर डराया जाता है।मरीज बच्चो में नर्स को लेकर बुरी तरह का डर समाया था जो कि मरीज में नहीं होना चाहिए। बीएमसी की अतिरिक्त आयुक्त आई ए कुंदन ने तीन नर्स को निलंबित कर दिया है।
उन्होंने बताया की नर्स का व्यवहार  मरीजों के साथ बहुत ही बुरा था जिसके लिए उन्हें निलंबित किया गया है। जिसके कारण नर्स अपनी मांग को लेकर महापौर के पास आए थे। तो मरीज भी नर्स के डर से बीएमसी मुख्यालय अपने को बचाने के लिए आए गए थे। मरीज बच्चों को लेकर बीएमसी सभागृह
में नगरसेवकों ने जमकर हंगामा किया। हंगामे और शिवसेना की किरकिरी होने के बाद महापौर विश्वनाथ महाडेश्वर ने नर्स पर की
गई कार्रवाई और नर्स की ओर दे डॉक्टरों के खिलाफ किये गए आरोप की जांच करने का निर्देश दिया।

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