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-अब मरीजों को डायलिसिस के लिए वाराणसी-इलाहाबाद जाने की जरूरत नहीं, प्रति महीने प्रति मरीज 42000 रुपए की होगी बचत  

मीरजापुर। जनपदवासियों को शनिवार को डायलिसिस सेंटर के तौर पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल बड़ा तोहफा देने जा रही हैं। सेंटर के शुरू होने से किडनी रोग से पीड़ित मरीज को प्रति महीने 42000 रुपए की बचत होगी। यह सुविधा सभी वर्गों के मरीजों को फ्रि उपलब्ध करायी जाएगी। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल की विशेष पहल पर मिर्जापुर में गंभीर तौर पर बीमार किडनी रोगियों के इलाज के लिए आधुनिक तकनीक व सुविधाओं से युक्त  10 डायलिसिस बेड स्थापित किए गए हैं। इनमें से एक बेड सेरोपॉजिटिव मरीज के लिए अलग से व्यवस्थित है। एक बेड पर रोजाना 4-4 घंटे की 3 शिफ्ट में मरीजों को सेवा उपलब्ध करायी जाएगी। ये सेवाएं कुशल डायलिसिस टेक्नीशियन एवं स्टॉफ नर्स की उपस्थिति में उपलब्ध कराई जाएंगी।
‘पहले आओ-पहले पाओ’ के आधार पर मरीजों का चयन: यहां पर इलाज के लिए आने वाले मरीजों का ‘पहले आओ-पहले पाओ’ के आधार पर चयन किया जाएगा। यहां पर वातानुकूलित डायलिसिस केंद्र में मरीजों को संक्रमण से बचाने के लिए पेक्स पाइपिंग का इस्तेमाल किया गया है। इसके अलावा डायलिसिस में इस्तेमाल होने वाला शुद्ध पानी के लिए जर्मनी से आयातित आरओ प्लांट लगाया गया है। साथ ही लगभग 4 घंटे तक चलने वाली डायलिसिस प्रक्रिया के दौरान मरीजों को ताजगी प्रदान करने हेतु उनके मनोरंजन के लिए म्यूजिक सिस्टम की भी व्यवस्था की गई है।
जनपद के मरीजों को वाराणसी-इलाहाबाद जाने की जरूरत नहीं:
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल का कहना है कि जनपद में ही डायलिसिस सेंटर शुरू होने से अब किडनी रोग से पीड़ित मरीजों को डायलिसिस के लिए वाराणसी अथवा इलाहाबाद जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। मरीजों को आर्थिक नुकसान से भी राहत मिलेगी।
ऐसे होगी 42000 रुपए की बचत: आम तौर पर निजी किडनी रोग से पीड़ित एक मरीज को महीने में 12 बार डायलिसिस कराना पड़ता है। निजी स्वास्थ्य केंद्र पर एक बार डायलिसिस कराने में एक मरीज को कम से कम 2000 रुपए खर्च करना पड़ता है। अर्थात मरीज को महीने में कम से कम 24000 रुपए केवल डायलिसिस पर खर्च करनी पड़ती है। इसके अलावा प्रत्येक मरीज को अपने परिजनों संग मिर्जापुर से वाराणसी अथवा इलाहाबाद जाने-आने में कम से कम 1500 रुपए खर्च करने पड़ते हैं अर्थात एक महीने में यातायात के नाम पर उसे लगभग 18 हजार रुपए खर्च करने पड़ते हैं। अत: डायलिसिस और यातायात खर्च मिलाकार एक मरीज पर प्रतिमाह 42000 रुपए खर्च आता है, लेकिन अब जनपद में ही डायलिसिस सेंटर खुलने से मरीज को यह धनराशि खर्च नहीं करनी पड़ेगी।

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