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 पटना:: बिहार बोर्ड दसवीं के नतीजे जारी होने में अब केवल 24 घंटे से 30 घंटे का समय बचा है और ऐसे में बिहार बोर्ड ने मेरिट लिस्ट में आए टॉप 25 स्टूडेंट्स का वेरिफिकेशन रविवार से ही शुरू कर दिया है। लेकिन सबसे ख़ास बात ये है कि टॉप आनेवाले ईन 25 स्टूडेंट्स में से ही कईयों की आंसर शीट्स गायब है। सवाल ये उठता है कि जब इनका आंसर शीट्स ही नहीं है तो फिर इनकी कापियों का वेरिफिकेशन कैसे हो पायेगा? पिछले साल टॉपर्स को लेकर बिहार बोर्ड की काफी फजीहत हुई थी। इसबार रिजल्ट जारी करने से पहले बोर्ड ये सुनिश्चित कर लेना चाहता है कि इस बार ऐसी कोई गड़बड़ी न हो। वेरिफिकेशन में शामिल न होने वाले स्टूडेंट्स का रिजल्ट भी बोर्ड ने रोक देने की धमकी दी है।लेकिन अगर इनमे से किसी की आंसरशीट अगर गायब पाई जाती है और कोई उनके रिजल्ट को लेकर गड़बड़ी का दावा कर देता है तो क्या होगा। दरअसल माजरा ये है कि बोर्ड के 10 वीं का रिजल्ट आने से पहले एक  स्कूल से 42 हजार स्टूडेंट्स के परीक्षा की कापियां गायब हो गई हैं। सबसे ख़ास बात ये है कि टॉपर्स के वेरिफिकेशन के लिए ईद के समय जिन टॉपर्स छात्र की कापियाँ एक स्कूल से मंगवाई गई थीं वहीँ नहीं मिली हैं। जिस तरह से हर परीक्षा के रिजल्ट के बाद धांधली के आरोप बोर्ड पर लग रहे हैं, मैट्रिक की परीक्षा के रिजल्ट को लेकर आरोप लगाना तय है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल छात्रों के दावे के बाद उनकी उन कापियों की जांच बोर्ड कैसे कराएगा जो उसके पास अब हैं ही नहीं। गौरतलब है कि मूल्यांकन के बाद गोपालगंज के एक स्कूल के स्ट्रांग रूम में रखे गए करीब 42 हजार स्टूडेंट्स की आंसरशीट गायब हो गए हैं। अगर इनमे से कोई भी छात्र स्क्रूटनी के लिए आवेदन देता है तो दुबारा उसकी कॉपी की जांच कैसे होगी ? बिहार से किसान की आवाज के लिए राजकुमार राय

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