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बीरपुर (सुपौल) : भारत सरकार एवं पथ निर्माण विभाग द्वारा आज सड़कों पर करोड़ों की राशि  खर्च करने के बावजूद भी  इस पुलिया पर जहां से सैकड़ों बच्चे हर रोज अपने विद्यालय को जाते हैं और  आवागमन की सुविधा दिनों दिन बढ़ती जा रही है लेकिन इसके निर्माण पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं । यह बातें हैं कोशी कुसहा बांध की। इस त्रासदी को दस साल बीतने को है लेकिन इलाके में त्रासदी ने जो जख्म दिए हैं वो आज भी गाहे बगाहे देखने को मिल रही है । छातापुर प्रखंड के माधोपुर पंचायत स्थित वार्ड नम्बर 10 का जहाँ कुसहा त्रासदी में ये पुलिया ध्वस्त हुआ था, आज वर्षो बाद न तो इसकी मरम्मत की गयी ना ही नया पुल बनायी जा सकी है , जबकि इस पथ से कई गांव के लोगों का आवाजाही हर रोज सैकड़ो की संख्या में होता है । मात्र सौ मीटर की दूरी पर विद्यालय भी है जहां सैकड़ो बच्चे इस खण्डहर बनी पुल से रोज पढ़ने जाते है । स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिया ध्वस्त होने के कारण कई घटनाएं यहाँ घट सकती है कुछ की जान भी जा सकती है बाबजूद इस बात को लेकर आज तक न तो प्रशासन न ही विभागीय अधिकारी ने पहल किया है ,कई बार बाइक सवार इस गड्ढे में दुर्घटना ग्रस्त हो चुके हैं । ग्रामीण शिवराम यादव एवं मनीष कुमार ने बताया कि ये पुल 2008 से ही ध्वस्त है । इससे जान मालिक की काफी नुकसान हो सकती है । जब की स्थानीय मुखिया सरयुग प्रसाद मंडल से इस पुल के बारे में पूछा तो श्री मंडल ने इंजिनियर के साथ इस खण्डहर रूपी पुल का निरीक्षण कर बीडीओ से मिलने की बात कही है। इतना ही नहीं उन्होंने ये भी कहा है कि ब्लॉक स्तर से नहीं हुई तो वे विभाग को भी पत्र लिखेंगे । अब देखना है, कि कब तक पुल बनाने की दिशा में काम होती है । हिंदुस्तान की आवाज़ बिहार से राजकुमार राय

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