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भिवंडी,हिन्दुस्तान की आवाज,एम हुसेन
 भिवंडी। तहसील कार्यालय  अंतर्गत चलने वाला चॅप्टर कोर्ट जिलाधिकारी कार्यालय की लापरवाही के कारण  लगभग पूर्व  एक वर्ष  से बंद   है, चॅप्टर कोर्ट एक वर्ष  से बंद होने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों  से आने वाले नागरिकों सहित पुलिस कर्मियों को भी अनेक प्रकार की  भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। 
   उल्लेखनीय है कि  भिवंडी तालुका पुलिस स्टेशन, पड़घा एवं गणेशपुरी पुलिस स्टेशन द्वारा सीआरपीसी की धारा 107 एवं 109 के तहत की गई  प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की सुनवाई के लिए भिवंडी तहसील कार्यालय के अंतर्गत चलने वाले चॅप्टर कोर्ट में पेश किया  जाता है । परंतु  ठाणे जिलाधिकारी कार्यालय द्वारा पूर्व   पांच वर्षों से भिवंडी के  चॅप्टर कोर्ट के लिए किसी सक्षम अधिकारी की नियुक्ती नही की गई है  जिसकारण इस पद का अतिरिक्त भार ठाणे राजस्व विभाग के अधिकारियों को दिया गया है।  वह अधिकारी भिवंडी में सप्ताह में दो दिन ही चॅप्टर कोर्ट चलाना आवश्यक समझते हैं  लेकिन वह अधिकारी भी भिवंडी आने में आनाकानी करते हैं। परिणामस्वरूप  यहां के नागरिकों सहित पुलिस कर्मियों को भी प्रतिबन्धात्मक मामलों की सुनवाई के लिए मजबूरन नियोजन भवन में जाना पड़ता है। भिवंडी तालुका के दूरदराज क्षेत्रों  से आने वालों  को समय एवं आर्थिक नुकसान सहित भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है जो सभी के लिए एक गंभीर समस्या है ।जिसे गंभीरता से लेते हुए  राष्ट्रीय मानव हक्क मंच के अध्यक्ष शरद धुमाल ने ग्रामीण क्षेत्रों  के नागरिकों को उक्त  समस्याओं से निजात दिलाने के लिए जिलाधिकारी डॉ.महेंद्र कल्याणकर से भिवंडी के चॅप्टर कोर्ट के लिए सक्षम अधिकारी को नियुक्त करने  की मांग की है। 
उक्त संदर्भ में डॉ. असावरी संसारे - तहसीलदार ठाणे (संजय गांधी विभाग ) से संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि
भिवंडी तहसील कार्यालय  अंतर्गत चलने वाले चॅप्टर कोर्ट का अतिरिक्त पद भार मुझे दिया गया है, ठाणे तहसील स्थित संजय गांधी विभाग एवं नवी मुंबई के मतदाता सूची की जांच का अतिरिक्त काम करने के कारण भिवंडी जाना संभव नहीं हो पा रहा है । जिसकारण संबंधित पुलिस स्टेशन के पुलिस कर्मचारी प्रतिबन्धात्मक मामलों को लेकर  ठाणे कार्यालय स्थित मेरे पास   आते हैं। 

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