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खरसांवा( झारखंड) : भाजपा के वरिष्ठ नेता झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा का गृह क्षेत्र और विधानसभा क्षेत्र सरायकेला खरसावां के निकट एक गांव है खिजुरदा जो जिला मुख्यालय से तकरीबन 20 किलोमीटर दूर है । अर्जुन मुंडा भाजपा के नेताओं की सूची में जरूर शुमार हो लेकिन इनका गांव खिजुरदा राजनीति के साथ-साथ अन्य मूलभूत सुविधाएं से गांव वंचित हैं। जंगलों पहाड़ों के बीच स्थित इस गांव के आदिवासी समुदाय आज भी अंधकार भविष्य में जी रहे हैं ।
          गांव की आबादी लगभग 400 से 500 के बीच है । स्थानीय लोगों की आजीविका साधन खेती और मजदूरी है। अर्जुन मुंडा का गांव आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। गांव की स्थिति का पता इस बात से चल जाता है कि गांव के सभी मकान कच्ची मिट्टी के हैं । गांव की लगभग 90 फ़ीसदी आबादी गरीबी रेखा के दायरे में है गांव में मात्र चार चापाकल है जिससे ग्रामीण लोगों को पानी थोड़ा बहुत मिल पाता है वह भी गर्मी के मौसम में बेकार हो जाते हैं । गांव के लोगों की शिकायत यह है कि सरकार द्वारा लाभप्रद योजनाओं का यहां कोई असर नहीं है। सरकार कर्मचारी और बिचौलियों की मिलीभगत से ग्रामीणों को लाभ नहीं मिल पाता है । गांव में एक प्राथमिक स्कूल है जिसमें शिक्षकों की कमी है । अर्जुन मुंडा अपने मुख्यमंत्रित्व काल में भले ही अन्य गांव की विकास की कार्य करते रहे हो लेकिन विडंबना यह है कि इन्हीं का गांव आज ही विकास की बाट जोह रहा है । गांव के कतिपय लोगों का कहना है कि अर्जुन मुंडा सिर्फ वोट के समय वह भी बहुत कम समय के लिए आते हैं । गांव के लोगों को अभी आशा है कि अर्जुन मुंडा इस गांव के लिए कुछ करेंगे फिलहाल यहां के लोग गांव के विकास के लिए संघर्षरत हैं। इनका संघर्ष कब रंग लाएगा या भविष्य के गर्त में है लेकिन इतना जरूर है कि संघर्ष सफलता की ओर जाएगी इस आशा में जी रहे खिजुरदा के ग्रामीण ।
       इन सब से यह पता चलता है कि अर्जुन मुंडा या तो किस गांव के निवासी है ही नहीं या इस गांव के किसी भी व्यक्ति को शिक्षित करना नहीं चाह रहे हैं ताकि उनका या उनके ही कारनामों को लोग विरोध करें ,क्योंकि अर्जुन मुंडा शायद इस बात से अवगत हो गए हैं कि सच्चाई एक ना एक दिन निकल कर आ जाएगी । इस से अच्छा है कि हम इस सच्चाई जो लोग सोचते हैं इसे पनपने ही ना दिया जाए।

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