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GHOTALON KI SVACHHTA / घोटाले की स्वच्छता

प्रतापगढ़, केंद्र व राज्य सरकार स्वच्छ भारत मिशन पर भले ही अरबों रूपए पानी की तरह बर्बाद कर रही है लेकिन गाँवों में ये पैसा कितना सार्थक हो रहा है इसकी बानगी देखने को मिले प्रतापगढ़ के मान्धाता विकासखंड में। यहाँ की ग्रामसभा पूरे लाल में स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत बनवाए गए शौचालयों के नाम पर जमकर लूट की गयी। ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत सचिव ने शौचालय के लिए आए पैसों का बंदरबांट करते हुए ऐसे शौचालय बनवा दिए जिनका उपयोग गाँव का एक भी लाभार्थी नहीं कर रहा है। 

जिले के अधिकारियों ने इस पूरी अनिमितता को अनदेखा करते हुए इस गाँव को ओडीएफ भी घोषित कर दिया है। ओडीएफ घोषित करने के पहले  शौचालयों की जाँच करने वाली टीम ने प्रधान के रसूख के आगे घुटने टेकते हुए इसे प्रमाणित कर दिया। हांलाकि मुख्य विकास अधिकारी राजकमल यादव ने शौचालयों के मानक की बारे में बताया की शौचालयों में दो गड्ढे अनिवार्य रूप से बनाए जाने चाहिए। मामले में सीडीओ राजकमल ने बीडीओ मान्धाता को जांच के आदेश दिए हैं।  लेकिन अब सवाल ये उठता है की इस पूरे प्रकरण में जिस अधिकारी की संलिप्तता सबसे अधिक है वही जांच करेगा तो जांच निष्पक्ष कैसे हो सकती है। सीडीओ राजकमल कुछ कहाँ है आप भी सुनिए ... 

राजकमल यादव ( सीडीओ प्रतापगढ़ )

स्वच्छ भारत मिशन के नाम पर भले ही पानी की तरह पैसा बहाया जा रहा हो लेकिन जिस तरह ग्राम पंचायतों में लूट मची है ऐसे में यह योजना कितना साकार हो सकेगी ये एक अनबूझ पहेली है। अगर सरकार ने इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो जनता का यह पैसा खुले में शौच मुक्त करने के नाम पर अधिकारियों की बंदरबांट की भेंट चढ़ता रहेगा और सरकार के यह ड्रीम प्रोजेक्ट कभी परवान नहीं चढ़ पाएगा

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