उन्नाव हिन्दुस्तानकीआवज़ रिपोर्ट मोहित मिश्रा
होली के त्योहार पर करीब छ: हजार मनरेगा मजदूरों को उनकी मेहनत का पैसा नहीं मिल पाया, जिससे उनका त्योहार फीका रहा। होली से एक दिन पहले तक बैंक पहुंच खातों में पैसे पहुंचने की जानकारी लेते रहे, लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगी। सबसे अधिक बकाया ब्लॉक असोहा के मजदूरों का है। यहां पर 28 लाख रुपए बकाया है।
चालू वित्तीय वर्ष में मनरेगा का बजट 49 करोड़ 56 लाख रुपए है। इसमें से फरवरी महीने तक 1 करोड़ 22 लाख रुपए मजदूरों का बकाया रह गया। बाकी धनराशि मनरेगा मजदूरों को दी जा चुकी है। जिले के 16 विकास खंडों में फरवरी महीने तक करीब 80 हजार मजदूरों ने अपने जॉब कार्ड के माध्यम से कार्य किया। इसमें लगभग छ: हजार मजदूरों का बकाया शेष है। सबसे अधिक बकाया असोहा ब्लॉक का 28 लाख रुपए है। जबकि सबसे कम बकाया सिकन्दरपुर कर्ण ब्लॉक का 1 लाख 19 हजार रुपए है। मजदूरी का भुगतान न होने के पीछे सम्बंधित अधिकारी समय से फीड़िग न होना बता जरूर रहे हैं, लेकिन प्रमुख त्योहार पर उनकी मेहतन की कमाई न मिलने से श्रमिक निराश रहे। ब्लॉक नवाबगंज के लालपुर तकिया निवासी रहमत, कल्लू, बउवा समेत अन्य का कहना है कि ब्लॉक कर्मचारियों की लापरवाही से हम लोगों को मनरेगा की मजदूरी नहीं मिल पाई। मनरेगा के भुगतान में मस्टर रोल फीड़िग समय से न होने का खामियाजा श्रमिकों को भुगतना पड़ा। फीड़िग में विलम्ब होने से ही जीओ टैग होने में देरी हुई। जब तक जीओ टैग का कार्य पूरा नहीं होता तब तक जॉब कार्ड धारकों की मजदूरी उनके खातों में नहीं जा पाती है। ब्लॉक कर्मचारियों की लापरवाही का खामियाजा श्रमिकों को भुगतना पड़ता है।
होली के त्योहार पर करीब छ: हजार मनरेगा मजदूरों को उनकी मेहनत का पैसा नहीं मिल पाया, जिससे उनका त्योहार फीका रहा। होली से एक दिन पहले तक बैंक पहुंच खातों में पैसे पहुंचने की जानकारी लेते रहे, लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगी। सबसे अधिक बकाया ब्लॉक असोहा के मजदूरों का है। यहां पर 28 लाख रुपए बकाया है।
चालू वित्तीय वर्ष में मनरेगा का बजट 49 करोड़ 56 लाख रुपए है। इसमें से फरवरी महीने तक 1 करोड़ 22 लाख रुपए मजदूरों का बकाया रह गया। बाकी धनराशि मनरेगा मजदूरों को दी जा चुकी है। जिले के 16 विकास खंडों में फरवरी महीने तक करीब 80 हजार मजदूरों ने अपने जॉब कार्ड के माध्यम से कार्य किया। इसमें लगभग छ: हजार मजदूरों का बकाया शेष है। सबसे अधिक बकाया असोहा ब्लॉक का 28 लाख रुपए है। जबकि सबसे कम बकाया सिकन्दरपुर कर्ण ब्लॉक का 1 लाख 19 हजार रुपए है। मजदूरी का भुगतान न होने के पीछे सम्बंधित अधिकारी समय से फीड़िग न होना बता जरूर रहे हैं, लेकिन प्रमुख त्योहार पर उनकी मेहतन की कमाई न मिलने से श्रमिक निराश रहे। ब्लॉक नवाबगंज के लालपुर तकिया निवासी रहमत, कल्लू, बउवा समेत अन्य का कहना है कि ब्लॉक कर्मचारियों की लापरवाही से हम लोगों को मनरेगा की मजदूरी नहीं मिल पाई। मनरेगा के भुगतान में मस्टर रोल फीड़िग समय से न होने का खामियाजा श्रमिकों को भुगतना पड़ा। फीड़िग में विलम्ब होने से ही जीओ टैग होने में देरी हुई। जब तक जीओ टैग का कार्य पूरा नहीं होता तब तक जॉब कार्ड धारकों की मजदूरी उनके खातों में नहीं जा पाती है। ब्लॉक कर्मचारियों की लापरवाही का खामियाजा श्रमिकों को भुगतना पड़ता है।
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