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मुम्बई, हिंदुस्तान की आवाज़, शमा ईरानी

'डायरेक्ट इश्क और 'एक तेरा साथ' जैसी हिंदी फ़िल्मे बना चुके निर्माता प्रदीप शर्मा ने अब एक भोजपुरी फ़िल्म डमरू प्रोड्यूस की है।
भोजपुरी फिल्म डमरू भगवान शिव पे विश्वास रखने वाले एक भक्त की कहानी है। ये किरदार किया है भोजपुरी के जानेमाने एक्टर खेसारी लाल यादव ने। इस भक्त की भक्ति देखकर ख़ुद भगवान शिव को धरती पर आना पड़ता है। बाबा मोशन पिक्चर्स के बैनर तले बनी इस फ़िल्म का संगीत ,कहानी और निर्देशन किया है जानेमाने निर्देशक रजनीश मिश्रा ने।  इसमें खेसारी लाल यादव हीरो हैं ,पंजाब की रहनेवाली याशिका कपूर हीरोइन हैं। निर्माता इस भोजपुरी फ़िल्म के अलावा एक मराठी फ़िल्म भी बना रहे हैं जिसका नाम है माझा बाइकोचा प्रियकर।
इस भोजपुरी फ़िल्म का ट्रेलर भी लॉन्च हो गया है। ये फिल्म आई एम डी बी पर पिछले पांच हफ़्तों से टॉप पर है और हिंदी फ़िल्म बाग़ी २ ,हेट स्टोरी ४ और हिचकी को पीछे छोड़ दिया है। डमरू ५ अप्रैल को पुरे भारत में एक साथ रिलीज़ होगी जिसकी शूटिंग उत्तर प्रदेश के वाराणसी और मुंबई में हुई है। फिल्म में खेसारी लाल यादव , याशिका कपूर ,अवधेश मिश्रा ( भगवान् शंकर की भुमिका में), आनंद मोहन हैं. फिल्म के लेखक - निर्देशक रजनीश मिश्रा , निर्माता - प्रदीप के शर्मा , सह निर्माता - अनीता शर्मा ,संगीत - रजनीश मिश्रा , एडिटर  - कोमल वर्मा हैं. इस फिल्म के सिंगर्स हैं -स्वाति शर्मा ,रजनीश मिश्रा ,खेसारी लाल यादव ,इंदु सोनाली ,आलोक.

डमरू की कहानी एक ऐसे आदमी के इर्द गिर्द घुमती है जिसकी भगवान शंकर के प्रति अटूट श्रद्धा है, इस फिल्म में यह दर्शाया गया है कि कैसे एक इन्सान का विश्वास अगर अडिग हो तो भगवान भी मजबूर हो जाते हैं उसकी सहायता के लिए ,मूलतः यह कहानी एक भक्त के अपने भगवान के प्रति विश्वास और समाज में फैले भ्रष्टाचार, लालच और सामाजिक कुरीतियों से लड़कर उससे ऊपर आने की कहानी है, यह कहानी समाज में फैले अन्धविश्वास को बड़े ही व्यंगात्मक और हास्य तरीके से दिखाती हैं ,तथा उस अन्धविश्वास से ऊपर उठने का सुझाव देती हैं . इस फिल्म के माध्यम से निर्देशक ने बड़े ही मनोरंजनात्मक और मार्मिक तरीके से ऑडियंस को यह दर्शाया है कि कैसे सामाजिक कुरीतियों से ऊपर उठा जा सकता है, यह फिल्म बड़े ही सुन्दर ढंग से समाज में फैले धार्मिक भेदभाव से ऊपर उठने का सुझाव देती है. इस फिल्म की सारी शूटिंग वाराणसी और सारनाथ के पास की गई है जो पर्यटन को बढ़ावा देगी, फिल्म में  वाराणसी और आस पास के इलाकों के मनमोहक दृश्य  दिखाए जायेंगे.
यह फिल्म उत्तर प्रदेश सरकार की भ्रष्टाचार विरोधी नीति का समर्थन करती है,इस फिल्म में यह दिखाया जाता है कि अगर सत्ता का दुरपयोग होता है तो कैसे सामाजिक दुष्प्रभाव उत्पन्न होते हैं,तथा आम जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ता है, यह फिल्म महिलाओं को सबल बनाने का समर्थन करती है कि वो समाज में आगे बढकर अपने निर्णय  खुद ले.
यह फिल्म किसी भी धर्म की धार्मिक भावनाओं को ठेस नहीं पहुचाती,और पूरी तरह से मर्यादा की सीमा के अंतर्गत रहते हुए ,एक पूर्णतः पारिवारिक ,सामाजिक, और मनोरंजक फिल्म है, इस फिल्म के निर्देशक ने यह ध्यान रखा है कि यह फिल्म कही से भी अश्लील न लगे.

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