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समस्तीपुर, हिन्दुस्तान की आवाज , राजकुमर राइ

समस्तीपुर। लोहिया जी के विचारों की अनदेखी किये जाने के कारण आज देश गंभीर आर्थिक एवं राजनीतिक संकट से घिर गया है। पूर्व मंत्री गजेन्द्र प्रसाद हिमांशु ने उक्त बातें प्रख्यात समाजवादी नेता डॉ0 लोहिया की जयन्ती के अवसर पर आयोजित समारोह में कही।उन्होने कहा कि लोहिया जी समान नागरिक संहिता व समान शिक्षा प्रणाली के समर्थक थे।  बताते चलें कि श्री हिमांशु की अध्यक्षता में डॉ राम मनोहर लोहिया जयंती समारोह पूर्वक मनाई गयी, जिसमे समाजवादी विचार मंच हसनपुर के सेकड़ो कार्यकर्ताओं ने लिया भाग। इस समारोह में उपस्थित बिहार सरकार के पूर्व मंत्री श्री हिमांशु ने डॉ राम मनोहर लोहिया के जीवन व कार्य शैली पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होने बताया कि आजादी के बाद देश को सही दिशा में आगे बढ़ने के लिए, गरीबी रोकने और देश को आर्थिक व्यवस्था ठीक रखने के लिए अनेक सुझाव दिये थे।
कहा था कि दाम बांधो खर्च पर पर अंकुश लगाओ, सत्ता के विकेंद्री करनके लिए चौखम्भा राज का रास्ता अपनाने का सुझाव भी दिया था। शिक्षा के मामलै मे लोहिया की स्पष्ट राय थी कि राष्ट्रपति का बेटा हो या चपरासी का सबको मिले शिक्षा एक सामान। एक बार जब लोहिया जी जेल में थे तो महात्मा गाँधी ने कहा था की भारत की आत्मा जेल में कैद है और मैं कैसे बाहर हूँ। अंग्रेजी राज में सत्याग्रह करते रहे और बाईस बार जेल गये। इन्होंने अन्याय के खिलाफ कई बार जन-आंदोलन का रुख अपनाया था। यथा नर  नारी की समानता, वर्ण विभेद आधारित राजकीय आर्थिक और मानसिक और समानता के खिलाफ, जातिप्रथा के खिलाफ और अगड़े पिछड़े की नीति खिलाफ, विशेष अवसर के लिए गुलामी के खिलाफ और पूँजीवाद एवं आर्थिक विषमताओं के खिलाफ निरंतर लड़ते रहे। निजी जीवन में अन्याय पूर्ण हस्तछेप और लोकतंत्र मैं अस्त्र सस्त्र के खिलाफ थे। योजना द्वारा पैदावार बढाने के लिये, एवं सब को एकसाथ ले कर चलने पर जोर दिया था। समारोह में पूर्व विधायक दुर्गा प्रसाद सिंह, दीपांकर कुमार, डॉ0 रामाशीष सिंह, विजयवन्त चौधरी, समाजवादी नेता सब्बीर हैदर, राय चन्द्र यादव, अवधेश प्रसाद सिंह, महेंद्र मालाकार, सुरेश चौधरी, रघुवंश यादव, गंगा यादव, नवल सिंह, नंदलाल यादव, हीरा सिंह, सीताराम सिंह, रामबालक पासवान समेत सैकड़ो कार्यकता व गणमान्य लोग मौजूद थे |
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