छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ में अगले कुछ महीनों बाद विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। लेकिन विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जनता का मूड कुछ और बयान कर रहा है।
छत्तीसगढ़ में एक दूल्हे ने अपनी शादी के कार्ड में लिखवा दिया 'हमारी भूल, कमल का फूल'। आज हुई ये शादी शांति से संपन्न तो हो गई, लेकिन इस शादी ने बीजेपी की भौं चढ़ा दी है। शादी के इस कार्ड ने सियासी गलियारों में बवाल मचा दिया है।
जांजगीर चांपा जिले के जैजेपुर दूल्हा बने राम कुमार मनहर से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि राज्य की बीजेपी सरकार की नीति और सिस्टम से वे बेरोजगारी की लाइन में लग गए। दो साल पहले वो स्थानीय पंचायत में कंप्यूटर ऑपरेटर थे। आर्थिक तंगी का हवाला देकर पंचायत विभाग ने लगभग 10 हजार ऑपरेटरों को अचानक नौकरी से निकाल दिया। ये सभी अस्थाई कर्मचारी थे। इसके बाद तमाम ऑपरेटर रोजगार की राह तक रहे हैं।
उनके मुताबिक नौकरी खत्म करते समय राज्य के पंचायत मंत्री ने भरोसा दिलाया था कि वे दूसरी सरकारी नौकरियों में उन्हें प्राथमिकता देंगे। लेकिन दो साल बाद भी सरकार ने उनकी ओर देख तक नहीं। उनके मुताबिक इस बात से नाराज होकर वे बीजेपी की असलियत अपने मेहमानों तक पहुंचाना चाहते हैं। इसी मकसद से उन्होंने यह कार्ड छपवाया है।
इधर, इस मामले में सियासत भी गरमाई हुई है। राज्य के पंचायत मंत्री अजय चंद्राकर ने इसे व्यर्थ की कवायद बताया है। उन्होंने कहा कि यह कांग्रेसियों की करतूत है, तो कांग्रेसी नेता मुरली अग्रवाल ने इसे जनता की मंशा करार दिया है। उनके मुताबिक, बीजेपी ने सिर्फ वोट पाने के लिए जनता के साथ झूठे वायदे किए हैं, लेकिन अब जनता को हकीकत का एहसास होने लगा है।
छत्तीसगढ़ में एक दूल्हे ने अपनी शादी के कार्ड में लिखवा दिया 'हमारी भूल, कमल का फूल'। आज हुई ये शादी शांति से संपन्न तो हो गई, लेकिन इस शादी ने बीजेपी की भौं चढ़ा दी है। शादी के इस कार्ड ने सियासी गलियारों में बवाल मचा दिया है।
जांजगीर चांपा जिले के जैजेपुर दूल्हा बने राम कुमार मनहर से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि राज्य की बीजेपी सरकार की नीति और सिस्टम से वे बेरोजगारी की लाइन में लग गए। दो साल पहले वो स्थानीय पंचायत में कंप्यूटर ऑपरेटर थे। आर्थिक तंगी का हवाला देकर पंचायत विभाग ने लगभग 10 हजार ऑपरेटरों को अचानक नौकरी से निकाल दिया। ये सभी अस्थाई कर्मचारी थे। इसके बाद तमाम ऑपरेटर रोजगार की राह तक रहे हैं।
उनके मुताबिक नौकरी खत्म करते समय राज्य के पंचायत मंत्री ने भरोसा दिलाया था कि वे दूसरी सरकारी नौकरियों में उन्हें प्राथमिकता देंगे। लेकिन दो साल बाद भी सरकार ने उनकी ओर देख तक नहीं। उनके मुताबिक इस बात से नाराज होकर वे बीजेपी की असलियत अपने मेहमानों तक पहुंचाना चाहते हैं। इसी मकसद से उन्होंने यह कार्ड छपवाया है।
इधर, इस मामले में सियासत भी गरमाई हुई है। राज्य के पंचायत मंत्री अजय चंद्राकर ने इसे व्यर्थ की कवायद बताया है। उन्होंने कहा कि यह कांग्रेसियों की करतूत है, तो कांग्रेसी नेता मुरली अग्रवाल ने इसे जनता की मंशा करार दिया है। उनके मुताबिक, बीजेपी ने सिर्फ वोट पाने के लिए जनता के साथ झूठे वायदे किए हैं, लेकिन अब जनता को हकीकत का एहसास होने लगा है।
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