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-तो आइए दोस्तों आज हम आपको इस मसले पर सच्चाई और हकीकत से रूबरू कराते है 

समस्तीपुर, हिन्दुस्तान की आवाज , राजकुमर राइ

लालू यादव हर एक गरीब, किसान,मजदूर,पिछड़ा अतिपिछड़ा,अल्पसंख्यक दलित महादलित का आवाज है। लालू यादव सिर्फ यादव ही नहीं बल्कि वो सभी जाती का नेता है। जिनका दैनिक जीवन यादव के जैसा हो या यादव से भी बतर हो।
लालू यादव ये नहीं कहता कि हमको राजपूत से दिक़्क़त है। ब्राम्भन से दिक़्क़त है।
बल्कि लालू यादव ये कहता है की।  हमे उन जुलमियो से दिक़्क़त है।  जो हर एक जाती में हीन भावनाओ से अपनी अपनी जाती के गरीब लोगो को प्रताड़ित करते है।
 रघुवंश प्रसाद जी ने कहा है कि जो लालू के दिल को भावनाओ को समझ लेगा वो लालू को कभी नहीं छोड़ेगा । और  बहुत सारे  लोग है..इनके जाती से, जो राजनीती के Abcd के सुरुआत भी यही से मतलब(The politics institute of lalu) किये है ,और फिर बाद में MLA ,MP होने के बाद दलबदलू हो गए है। Bihar में बीजेपी तथा NDA में 75% नेता लालू के ही  प्रोडक्ट है। और इसका लिस्ट बहुत लंबा भी है। लालू जी हमेशा कहते रहे है की गरीब लोग हमारे साथ रहे चाहे वो किसी भी जाति से क्यों न हो, हमे समाज में समाज में किसी को प्रताड़ित करना देखा नहीं जाता
क्योंकि समाज में प्रताड़ित  वही होता है। जो धन तन बल से गरीब होता है। और उन गरीबो के साथ मैं हमेशा रहूँगा।,,, शायद आपको याद नहीं होगा ।
देश आजाद होने के बाद जब हम सब एक स्वतंत्र भारत के एक स्वतंत्र नागरिक थे तब भी हमारे समाज में सभी जाती के गरीब लोग वर्षो तक अमीरों को गुलामी करते रहे है ।,,,जिसका विरोध अगर कोई किया है। तो वो सिर्फ लालू यादव ही है।,उस प्रथा को हटाया है तो वो सिर्फ लालू यादव ही है । ।  गरीबो को आगे बढ़ने के लिए जो हौसला दिया है। जो आवाज दिया है। जो गरीबो को मान सम्मान से जीना सिखाया है। वो शख्स सिर्फ लालू यादव ही  है। हमें पता है कि आपको यकीन नहीं हुआ होगा,
आप इस चीज को अपने पूर्वजो से पूछिएगा, सच्चाई और इंसानियत के तराजू पर तौल के देखिएगा परिणाम सामने आ जायेगा
आज हम देखते है  जिनके बाप-दादा ब्राह्मणवादियों रूढ़िवादियों व सामांत्वादियों के सामने खटिया पर नहीं बैठता था, उसके बेटे पोते पूछता है लालू ने क्या किया,??
हा हा मैं बता देता हूं कि लालू ने क्या किया लालू तुझे आज बोलने के लिए जुबान दिया जिसके लिए तुम्हारे पूर्वज तरसते थे । और बताऊँ तो कान खोलकर सुन लो:-
लालू प्रसाद यादव को कोसने वाला पिछड़ा और दलित वर्ग के युवा तुम्हे 90 के दशक से पहले होश संभाल चुके अपने परिवार के सदस्यो से पूछना चाहिए कि कैसे उनके दादा व बाबा सामंतो के सामने चारपाई पर नहीं बैठते थे और सॉमंतो के ऐसे बच्चे जो अपना निक्कर तक नहीं बांध पाते थे उनके सामने तुम्हारे बाप- दादा कैसे हाथ जोडकर मालिक कहकर नमस्ते किया करते थे?? बिहार के दलितो और पिछड़ों एक बात कान खोलकर सुन लो तुम्हारे मुँह मे जो 72 इंच की जुबान है न वह लालू जी की दी हुई है वरना तुम भी हाथ जोडे सामंती मालिक के सामने झुके रहते !!
लालू लालू है। न कोई दूसरा पैदा हुआ है  और न कोई होगा।। कितने मसहूर हो गए इनको बदनाम करते करते । नाम भी बता दे क्या (नितीश,रामबिलास,सुशिल मोदी) और बहुत सारे है । अभी भी होश है। सम्भल जाओ....?

नहीं तो रोज- रोज कोई लालू पैदा नहीं होगा । तुम्हारे आवजो को बुलंद करने के लिए,
और हमारे पूर्वज 90 और उसके पहले के दशक को देखे हैं ।  और उसके किस्से भी सुने है । कभी टाइम निकाल के तुम भी सुन लेना।मैंने तो तय कर लिया है।

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