Ads (728x90)

मीरजापुर,हिन्दुस्तान की आवाज, संतोष देव गिरी

मीरजापुर  बड़ा शोर मचा है कि जिले के जिगना के दादर कला ग्राम में लोकार्पित होने वाले सोलर पावर प्रोजेक्ट को लेकर। फ्रांसीसी कम्पनी इसको स्थापित कर रही है। सरकारी स्तर पर जमीन दी गयी है। विदेशी कम्पनी सब कुछ अपने बलबूते कर रही है। यहां तक कि फ्रांसीसी राष्ट्रपति के उद्घाटन की संभावना को लेकर हेलीपैड भी वही बनवा रही है। फ्रांसीसी राष्ट्रपति के आगमन की यद्यपि सरकारी स्तर से सूचना नहीं प्रसारित की गई है। आकलन लगाया जा रहा कि उक्त कार्यक्रम में प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेष के मुख्यमंत्री भी आ सकते हैं। इन आकलनों से सारा सरकारी अमला अन्य कार्य छोड़ फैक्ट्री स्थल पर ही दिख रहा है। इससे आम जनता के रोजमर्रा के कार्य प्रभावित तो हो ही रहे हैं। प्राविटाइजेशन के दौर में विदेशी कम्पनी की स्थापना में सरकारी तंत्र की इतनी मदद कम नहीं है। 4 हजार करोड़ की लगभग 50 वर्ष पहले बनी बाणसागर परियोजना में तमाम विभागों से एनओसी आदि न मिलने से परियोजना लम्बे अरसे तक लटकी रही जबकि 650 करोड़ की प्राइवेट कंपनी 2 साल में लोकार्पित होने जा रही है। उक्त कम्पनी को यदि लीज पर जमीन दी गयी तो लीज की शर्तों से जनता नावाकिफ है। जहां तक 75 मेगावाट बिजली के उत्पादन से इलाके के लाभ का है तो क्या यह गारंटी दी गयी है कि बिजली विभाग को बेची गयी बिजली क्षेत्र को ही मिलेगी ? ग्राम समाज की जमीन देते समय कम्पनी से चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं शिक्षा का भी करार होना चाहिए। आदिवासी बहुल जिले के निर्धन, असहाय लोगों के बेहतर जीवन के लिए बिरला की हिन्डाल्को कम्पनी ने सामाजिक कार्य भी किए। इसलिए यह कम्पनी भी लोकोपयोगी कार्य की योजना सार्वजनिक करे क्योंकि सौर ऊर्जा का उत्पादन तो कम्पनी का निजी बिजनेस है। बेरोजगारों को नौकरी की गारंटी मिले तो बेहतरः कम्पनी में कई स्तर के कर्मचारी काम करेंगे जिसमें आफिसर, इंजीनियर तथा तृतीयध्चतुर्थ लेबिल पर जनपद के लोगों को नौकरी दी जाए तो बेरोजगारों का पलायन रुकेगा । केवल सोलर संयंत्र की सफाई के लिए ही चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी काम पाएंगे तो टेक्निकल युवा वंचित हो जाएंगे। 388 एकड़ जमीन पर सिंचाई डैम बना दिया गया होता और बाण सागर परियोजना से इस डैम को विशेष तकनीक से पानी दिया जाता तो विन्ध्य-पर्वत पर खेती योग्य जमीन में फसल होती तथा भू स्तर पर नीचे जाते पानी का सतह भी ऊपर होता और डैम के ऊपर सोलर पावर प्रोजेक्ट बनता । क्योंकि सौर ऊर्जा के लिए तो जमीन कम आकाश ज्यादा चाहिए। विभिन्न प्रदेशों में ऐसा किया भी जा रहा है।



Post a Comment

Blogger