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समस्तीपुर, हिन्दुस्तान की आवाज , राजकुमर राइ

बिहार की शिक्षा व्यवस्था को हमारे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूरी तरह मिट्टी में मिला दिया है।एक भी परीक्षा का आयोजन ये अपने अभी तक के कार्यकाल में पूरी तरह नहीं करा सके।यहाँ के छात्र अच्छी शिक्षा और नौकरी के लिए दूसरे राज्यों में भटक रहे हैं।इनकी इस नक्कारेपन से लाखों छात्र ओवरऐज हो अपने ख्वाब को तिलांजलि दे या तो बेरोजगार बैठे हैं या दूसरे जॉब में अपने भाग्य को कोस रहे हैं।शिक्षक नियुक्ति में इनकी राजनीति की वजह से अयोग्य व्यक्ति शिक्षक बन गए।जो भारत के राष्ट्रपति तक के नाम नहीं जानते।वो पहली से दसवीं के छात्रों को पढ़ा रहे हैं।ये अयोग्य शिक्षक बिहार के छात्रों का भविष्य खराब कर रहे हैं।नीतीश सरकार ने BPSC+BSSC+ASSISTANT PROFESSOR+TET के तहत नौकरी का सपना देख रहे छात्रों का भविष्य अंधकारमय कर दिया।BPSC की भर्ती जो एक साल में कंप्लीट हो सकती थी।उसको 3 से 4 साल में पूरा करना क्या यह न्याय है?नहीं।56 वीं से 59 वीं BPSC  मुख्य परीक्षा का रिजल्ट यह सरकार 19 महीने में घोषित नहीं कर सकी।60 वीं से 62 वीं PT परीक्षा का परिणाम घोषित हो चुका है लेकिन मुख्य परीक्षा कब होगी पता नहीं।63 वीं का फॉर्म भरा लिया गया जिससे छात्र बबाल ना कर सके क्योंकि इससे छात्र एकत्र नहीं हो पाएंगे।BSSC के ग्रैजुएट लेवल के एग्जाम में धांधली किसी से छिपी नहीं है।इंटर लेवल का एग्जाम यह सरकार 4 सालों में करा तक नहीं पाई।प्रोफेसर बहाली भी 4 साल से अटकी हुई है।जिसमें धांधली की खबरें लगातार आ रही है।TET के तहत गलत नियुक्ति जगजाहिर है।इसके तहत नियुक्त करने का वादा कर सरकार पलट गई।दूसरी तरफ नीतीश कुमार ने राजनीति का एक नया दांव चला,प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण देने का वादा किया।इस व्यक्ति की मानसिकता देखिये।बिहार के लोग अपने राज्य में उद्योग ना होने, कल कारखाने ना होने और प्राइवेट सेक्टर ना होने से दूसरे राज्यों में नौकरी के लिए भटक रहे हैं।दूसरी तरह यह व्यक्ति इन जगहों पर आरक्षण का वादा कर रहा है।जो नहीं है, वहां देने का वादा कर रहा है।जिसमें वह खुद दे सकता है, वहां नौकरी दे नहीं रहा है।अगर यह मुख्यमंत्री चाहता तो हर साल इन प्रक्रियाओं को निपटा कर बेरोजगारों को रोजगार दे आरक्षित/अनारक्षित दोनों वर्गों को राहत दे सकता था।मैंने यह महसूस किया है की यह व्यक्ति राज्य के युवाओं के साथ छल कर रहा है।इस मुख्यमंत्री ने बिहार को बर्बाद कर दिया है।यह व्यक्ति जो कर रहा है यह एक द्रोह है....राजद्रोह!!!
बेरोजगारों को मुद्दे से भटकाने के लिए मुख्यमंत्री सिर्फ यात्रा पर यात्रा कर रहे हैं। बिहार में 250 वित्तरहित कॉलेज के वित्तरहित शिक्षकों को देने क लिए पैसे 2012 से खत्म हो चुके हैं पर प्रकाश पर्व के नाम पर पटना को मिनी पंजाब बनाने क लिए अरबों रूपए पानी में सिर्फ इसलिए बहा दिए गए ताकि बिहार का मुख्यमंत्री पंजाब और पुरे भारत में पहचान लिया जाये और प्रधानमन्त्री पद का दावेदार घोसित कर दिया जाए।
निश्चय यात्रा में करोड़ो रूपए बहा दिए गए पर शिक्षको को समय पर वेतन नही दिया गया।
ये सरकार सिर्फ जनता को मुर्ख बना के अपना उल्लू सीधा करने में लगी हुई है। अब सुशील मोदी और नितीश जी सिर्फ लालू को टारगेट कर रहे है पर अपने आप को पाक दामन बता रहे हैं। ऐसा कैसे हो सकता है की 2000 करोड़ से ऊपर का घोटाला मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को पता न चल पाया हो। बाँध को चूहा खा गया जिसमे करोड़ो खर्च किये गए। बिहार में विकाश क नाम पर सिर्फ लूट मची हुई है। भरस्टाचार पर 0 टॉलरेंस की बात करने वाले इस मुख्यमंत्री के कार्यकाल में बिना पैसे के कोई काम नही हो पा रहा।

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