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-नवरात्र से पहले पुलिस प्रशासन काशी विश्वनाथ की तर्ज पर मंदिर के गर्भ गृह में लगाना चाहता है सीसीटीवी कैमरा

मीरजापुर,हिन्दुस्तान की आवाज, संतोष देव गिरी


मीरजापुर। विंध्याचल स्थित विश्व प्रसिद्ध विंध्यवासनी मंदिर में चैत्र नवरात्र के पहले विंध्य पंडा समाज और पुलिस प्रशासन के बीच गतिरोध उत्पन्न हो गया है। शुक्रवार को मंदिर प्रांगण में आयोजित विंध्य पंडा समाज की बैठक में पुलिस प्रशासन कि तरफ से दस बिंदुओं पर भेजे गए प्रस्ताव को पूरी तरह से खारिज कर दिया गया। दरअसल दर्शनार्थियों को दर्शन पूजन करने में सुविधा हो। इसके लिए क्षेत्राधिकारी शहर संजय सिंह की तरफ से विंध्य पंडा समाज को दस बिंदुओं पर पत्र जारी कर विंध्य पंडा समाज कि सहमति मांगी थी। जिसके तहत मंदिर के अंदर काशी विश्वनाथ मंदिर की तर्ज पर सीसीटीवी कैमरा लगाये जाने, मंदिर और मंदिर के आस पास लगे सीसीटीवी कैमरों का कंट्रोल नियंत्रण कक्ष में करने, मंदिर के गर्भ गृह के अंदर मूर्ति के आस पास लगे ग्रील की वजह से जगह कम होने के कारण हो रही परेशानियों को देखते हुए, पीतल के ग्रील को छोटा कर दर्शनार्थियों के लिए जगह बनाने के साथ ही मंदिर पर वीआईपी दर्शनार्थियों के कारण आम दर्शनार्थियों को होने वाली परेषानी को देखते हुए अब नया वीआईपी मार्ग बनाये जाने का प्रस्ताव दिया गया था। प्रस्ताव के तहत विंध्याचल धाम के पूर्वी गेट पर डीएफएलवी लगाया जाना है। जिससे मंदिर कि सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके। मंदिर के पास मोटर साइकिल पहुंचने की शिकायत पर अब पास धारक व्यक्ति को ही वैरियर के अंदर मोटर साइकिल ले जाने कि अनुमति होगी। मेला क्षेत्र में स्थित टैक्सी स्टैंड पर निर्धारित मूल्य सूची और अधिकारियों का मोबाइल नंबर लिखा जाना अनिवार्य होगा। मंदिर मार्ग पर पड़ने वाले सभी दुकानों का नंबरिंग करवाये जाने का प्रस्ताव दिया गया है। मंदिर तक जाने के लिए मार्ग में अतिक्रमण कि वजह से दर्शनार्थियों को होने वाली असुविधा के कारण अतिक्रमण हटाये जाने का प्रस्ताव भी पुलिस प्रशासन ने विंध्य पंडा समाज के सामने रखा था। मगर विंध्य पंडा समाज ने प्रस्ताव को गलत बताते हुए पुरानी व्यवस्था पर ही मेला करवाने कि बात कही। विंध्य पांडा समाज के अध्यक्ष राजन पाठक का कहना है कि पुलिस प्रशासन का मंदिर के गर्भ गृह में सीसीटीवी कैमरा लगवाने का प्रस्ताव सही नहीं है। यह नियम विरुद्ध है। पीतल का ग्रील के अंदर आरती होती है। ग्रील छोटा करने से आरती करने में परेषानी होगी। बता दे कि 18 मार्च से शुरू हो रहे नवरात्र मेला से पहले ही पुलिस प्रषासन इस व्यवस्था को पूरा करवा लेना चाहता था। मगर विंध्य पंडा समाज के प्रबल विरोध के बाद सहमति बनती हुई नहीं दिख रही है।



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