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समस्तीपुर, हिन्दुस्तान की आवाज , राजकुमर राइ

देश भर में तीन तलाक पर मौजूदा सरकार के द्वारा बनाया गया काला कानून के विरोध में मुस्लिम सुदाय की महिलाऐं एवं मर्द बड़ी संख्या में विरोध जुलूस निकाल कर काला कानून वापस लेने की माँग कर रहे हैं। इसी कड़ी में दरभंगा कमिश्नरी पर दिनांक- 05 मार्च, 2018 को आॅल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड के सदस्य सह बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष प्रो0 डा0 मौलाना एजाज अहमद की अध्यक्षता में महिलाओं एवं मर्दों का एक विरोध जुलूस निकाला जायगा। दरभंगा कमिश्नरी के धरना स्थल वाले मैदान में औरतों और मर्दों को इकठ्ठा करने के बाद दिन के 11 बजे कमिश्नरी के चारों तरफ पैदल मार्च किया जायगा और काले कानून को सरकार से अविलंब वापस लेने की मांग की जायगी। मैदान में सभा स्थल पर सभा को संबोधित किया जायगा। सभा के बाद महिलाओं की 5 सदस्यी टीम जिला पदाधिकारी दरभंगा से मिलकर ज्ञापन सौंपेंगी। विरोध जुलूस की तैयारी जोरों पर चल रही है। आज सभी संगठनों ने एक बैठक बुलाया जिसमें इंसाफ मंच के राज्य उपाध्यक्ष नेयाज अहमद, ऑल इंडिया जमीअतुर राईन के संयोजक डा0 राहत अली, ऑल इंडिया अकलियत जागरण सोसाईटी के महासचिव डा0 असरारूलहक लाडले, बिहार स्टेट मोमिन कान्फ्रेंस के शाहिद अतहर, ऑल इंडिया मुस्लिम बेदारी कारवां के अध्यक्ष नजरे आलम एवं अल-मदद एजुकेशनल एण्ड वेलफेयर ट्रस्ट, पटना के चेयरमैन ई0 फखरूद्दीन इदरीसी, राजद के जिला संयोजक रामचन्द्र यादव, भरत यादव, जावेद करीम जफर, मकसूद आलम पप्पु खान, शाह इमादुद्दीन सरवर, एस0एम0 जिया, कारी मो0 सईद जफर आदि बड़ी संख्या में लोग उपस्थि हुए। अमीरे शरियत हजरत मौलाना वली रहमानी साहब की हिदायत पर औरतों के जुलूस को मार्च के आखिर तक जहाँ भी नहीं हुआ है उसे फौरन कराया जाए ताकि हुकुमते वक्त इस काला कानून को अविलंग वापस ले सके। सभी तंजीमों ने मिथिलाँचल के समाजी एवं फलाही तंजीमों के जिम्मेदारों, मदारिस के जिम्मेदारों, मसाजिद के इमाम व खतीब, समाजसेवी, दानिशवरान एवं अमन पसन्द लोगों से एहतजाजी जुलूस को कामयाब बनाने की अपील करते हुए कहा है कि बड़ी संख्या में अपने अपने मोहल्ले और गाँव से मुस्लिम ख्वातीन को जुलूस में शिरकत की दावत दें और अपनी सरपस्ती में कमिश्नरी तक लेकर आऐं। तीन तलाक पर बनाया गया काला कानून ना सिर्फ मुस्लिम मर्दों को जेल में डालने की साजिश है बल्कि मुस्लिम महिलाओं पर भी अत्याचार है। साथ ही तीन तलाक का मामला मुसलमानों के मजहब से जुड़ा हुआ मामला है इसलिए मुसलमान किसी भी हालत में मजहब में मुदाखलत बर्दाश्त नहीं करेगा। काला कानून हर हालत में सरकार को वापस लेना ही होगा।


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