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प्रतापगड, हिंदुस्तान की आवाज़, प्रमोद श्रीवास्तव

सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने सूबे की कमान संभालते ही प्रदेश की सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के निर्देश तो जारी कर दिए किंतु उनके आदेशों का कितना अनुपालन हो रहा है इसका अंदाजा आप इन टूटी हुई सड़कों को देखकर के लगा सकते हैं , जहां पता ही नहीं चलता है की सड़क में गड्ढे हैं या गड्ढों में सड़क ।
योगी सरकार द्वारा किए गए आदेशों को लगभग 6 माह से अधिक का समय बीत गया है फिर भी उनके अधिकारी अभी भी कुंभकर्णी नींद में सोए हुए हैं और कागजों में ही विकास कार्य दफन करने लगे हैं जी हां ऐसा ही कुछ मामला प्रतापगढ़ जिले के लक्ष्मणपुर विकासखंड के अंतर्गत आने वाले हंडौर , बासूपुर, शमशेरगंज , गाय घाट रोड सहित दर्जनों सड़कों की है जो अभी भी न ही गड्ढा मुक्त हो पाई है न ही इनका पुनर्निर्माण हो सका है , जबकि विकासखंड के अंतर्गत आने वाले कई सड़कों का टेंडर कुछ माह पूर्व हो चुका था बावजूद इसके टेंडर कर्मी सड़कों को बनवाने में हीलाहवाली करते नजर आ रहे है ।
यहां पर न ही ठेकेदारों को जिले के आलाधिकारियों का डर है और न ही सूबे के मुखिया का तभी तो मानकविहीन आधा -अधूरा कार्य करके कागजों मे पूर्ण विकास का दावा करते नजर आते हैं , हम आपको बता दें अभी दो माह पूर्व ही विकासखन्ड के हन्डौर मे चुड़िहारपट्टी से समग्र घूरीपुर सहित दर्जनों गांवों को जोड़ने वाली सड़क का पुनर्निमाण कार्य चल रहा था किन्तु ठेकेदार की मनमानी और जिले के आलाधिकारियों से साठगांठ के बदौलत ठेकेदार ने मानकविहीन कार्य कराते हुए अधूरा कार्य करके अधर में ही छोड़ दिया निर्माण कार्य , जिससे फिर से उखड़ने लगी है सड़क , किन्तु खास बात तो यह है कि कार्य कागजों मे पूर्ण है ।
जिले मे कई सड़कें टेंडर होने के बाद या तो धन के अभाव मे लटकी हुई हैं या तो कई सड़कों का टेंडर ही नही हुआ है जबकि उन सड़कों की हालत ऐसी है कि आप भी देखकर दंग रह जाएगें । इन सड़कों पर गाड़ी से चलना तो दूर पैदल चलना भी रेगिस्तान की ही तरह लगता है ।
अब देखना यह है कि जिले के  आलाधिकारियों कि कुम्भकर्णी नींद कब टूटती है और सूबे के मुखिया का फरमान कब उनके कानों मे पड़ता है ।

बाइट :- राजीव तिवारी ( स्थानीय ग्रामीण )

बाइट :- राहगीर

बाइट :- स्थानीय ग्रामीण

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