भिवंडी,हिन्दुस्तान की आवाज,एम हुसेन
भिवंडी। छह महीने पूर्व युवक का विवाह हुआ था और वह मोटरसाइकिल द्वारा जा रहा था जिसका भीषण सडक दुर्घटना में सिर फटा और भेजा बाहर आ गया था । तथा चेहरे पर ३० पेक्षा अधिक फ्रॅक्चर हो गया था। परंतु डॉक्टरों ने इसे मौत के मुंह से वापस निकालने में सफल हो गए। जो आज यह युवक चल फिर रहा है यह केवल विज्ञान का चमत्कार के परिणामस्वरूप वह आज जीवित है इस प्रकार मामला प्रकाश में आया है । ज्ञात हो कि विनोद सांबरे (33)जो सपरिवार भिवंडी तालुका के पडघा के समीप वाफाले गावं निवासी हैं . विनोद भिवंडी के एक बैंक में लिपिक के पद पर कार्यरत है. तथा छह महीने पूर्व उसका विवाह हुआ था।प्रति दिन के अनुसार १५ नवम्बर २०१७ को सुबह के समय वह बैंक में ड्यूटी करने के लिए निकला था जैसे ही वह मुंबई नाशिक मार्ग पर पहुंचा एक विरोधी दिशा से आने वाले जेसीबी से जोरदार टक्कर हो गई। उक्त सडक दुर्घटना में विनोद का सिर फट गया और भेजा बाहर आ गया था। इसी अवस्था में ग्रामीणों ने टेंपो द्वारा प्राणायू हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया।अधिक रक्तस्त्राव होने हे वह बेशुद्ध अवस्था में था। डॉक्टरों ने बताया कि ९९.९% पेशंट के बचने की उम्मीद है। स्वयं डॉक्टरों की टीम ने उसी दिन रात्रि भर लगभग १२ घंटों में अथक प्रयास कर शस्त्रक्रिया कर थोडा सफलता मिली थी। परंतु शस्त्रक्रिया कर पेशंट बचा परंतु शाश्व नहीं थी. शस्त्रक्रिया के दूसरे दिन पेट द्वारा डाली गई श्वासनलिका निकालकर मुंहद्वारा श्वासनलिका डाली गई थी कारण चेहरे पर असंख्य फ्रॅक्चर थे .विनोद अतिदक्षता विभाग में २० दिन पूर्ण रूप से बेशुद्ध अवस्था में बेड पर बेजान पड़ा हुआ था।परंतु प्राणायू हॉस्पिटल की टीम के अथक प्रयासों से वह मौत के मुंह से वापस आया।और आज चल फिर रहा है। प्राणायू के निदेशक डॉ राजेश भोईर ने जानकारी देते हुए बताया कि विनोद कौनसा नसीब लेकर आया था यह गणित नहीं बैठ रही है बस ईश्वर की कृपा से हम सब के अथक प्रयासों से वह मौत के मुंह से वापस आ गया और आज चल फिर रहा है।
भिवंडी। छह महीने पूर्व युवक का विवाह हुआ था और वह मोटरसाइकिल द्वारा जा रहा था जिसका भीषण सडक दुर्घटना में सिर फटा और भेजा बाहर आ गया था । तथा चेहरे पर ३० पेक्षा अधिक फ्रॅक्चर हो गया था। परंतु डॉक्टरों ने इसे मौत के मुंह से वापस निकालने में सफल हो गए। जो आज यह युवक चल फिर रहा है यह केवल विज्ञान का चमत्कार के परिणामस्वरूप वह आज जीवित है इस प्रकार मामला प्रकाश में आया है । ज्ञात हो कि विनोद सांबरे (33)जो सपरिवार भिवंडी तालुका के पडघा के समीप वाफाले गावं निवासी हैं . विनोद भिवंडी के एक बैंक में लिपिक के पद पर कार्यरत है. तथा छह महीने पूर्व उसका विवाह हुआ था।प्रति दिन के अनुसार १५ नवम्बर २०१७ को सुबह के समय वह बैंक में ड्यूटी करने के लिए निकला था जैसे ही वह मुंबई नाशिक मार्ग पर पहुंचा एक विरोधी दिशा से आने वाले जेसीबी से जोरदार टक्कर हो गई। उक्त सडक दुर्घटना में विनोद का सिर फट गया और भेजा बाहर आ गया था। इसी अवस्था में ग्रामीणों ने टेंपो द्वारा प्राणायू हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया।अधिक रक्तस्त्राव होने हे वह बेशुद्ध अवस्था में था। डॉक्टरों ने बताया कि ९९.९% पेशंट के बचने की उम्मीद है। स्वयं डॉक्टरों की टीम ने उसी दिन रात्रि भर लगभग १२ घंटों में अथक प्रयास कर शस्त्रक्रिया कर थोडा सफलता मिली थी। परंतु शस्त्रक्रिया कर पेशंट बचा परंतु शाश्व नहीं थी. शस्त्रक्रिया के दूसरे दिन पेट द्वारा डाली गई श्वासनलिका निकालकर मुंहद्वारा श्वासनलिका डाली गई थी कारण चेहरे पर असंख्य फ्रॅक्चर थे .विनोद अतिदक्षता विभाग में २० दिन पूर्ण रूप से बेशुद्ध अवस्था में बेड पर बेजान पड़ा हुआ था।परंतु प्राणायू हॉस्पिटल की टीम के अथक प्रयासों से वह मौत के मुंह से वापस आया।और आज चल फिर रहा है। प्राणायू के निदेशक डॉ राजेश भोईर ने जानकारी देते हुए बताया कि विनोद कौनसा नसीब लेकर आया था यह गणित नहीं बैठ रही है बस ईश्वर की कृपा से हम सब के अथक प्रयासों से वह मौत के मुंह से वापस आ गया और आज चल फिर रहा है।
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