Ads (728x90)

मीरजापुर,हिन्दुस्तान की आवाज, संतोष देव गिरी

मीरजापुर। जिले के छानबे विधान सभा क्षेत्र से अपना दल (एस) विधायक राहुल प्रकाष कोल और उनके पिता पूर्व सांसद पकौड़ी कोल द्वारा ग्राम समाज और गांव के ही एक अन्य व्यक्ति के जमीन पर कब्जा किए जाने का मामला दिनों दिन तूल पकड़ता जा रहा है। तो वहीं स्थानीय प्रषासन इस मामने में पूरी तरह से उदासीन बना हुआ दिखलाई दे रहा है। जिसकों लेकर लोगों में तीखी प्रतिक्रिया सुनने में आ रही है। रविवार को कुबरी पटेहराकला गांव निवासी पीड़ित उमाषंकर यादव ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि गांव में आराजी संख्या-2683 क एवं ख आबादी की भूमि पर वह अपने परिवार के साथ काबिज चला आ रहा है। जिस पर जबरियां कब्जा करने की गरज से गांव निवासी पूर्व सांसद पकौड़ी कोल पुत्र जुगनू तथा उनके बेटे विधायक राहुल कोल उसके मकान का तीन पीलर तोड़ कर अपना पीलर खड़ा कर कब्जा कर रहे हैं। इसी प्रकार दोनों पिता पुत्र द्वारा गांव सभा की नवीन परती भूमि आराजी संख्या 2677 को भी कब्जा कर उसपर मकान का निर्माण करा लिया गया है। षासन सत्ता तथा दबंगई के बल पर गांव सभा की जमीन पर कब्जा कर लेने के बाद अब मकान की छत को ढालने की फिराक में हैं। इसके लिए निर्माण सामाग्री भी तैयार कर लिया गया है। बताया है कि उसके मकान और ग्राम सभा की जमीन पर विधायक द्वारा जबरियां दबंगई के बल पर कब्जा किये जाने की षिकायत उसने मुख्यमंत्री के जनता दरबार में की थी जिस पर हरकत में आये तहसील प्रषासन ने छानबीन षुरू किया तो कार्रवाई से बचने के लिए विधायक राहुल कोल के पिता पूर्व सांसद पकौड़ी कोल ने तहसीलदार मड़िहान रामजीत मौर्या को गुमराह करने वाला षपथ पत्र देकर अपना बचाव किया था कि गांव सभा की भूमि पर जो निर्माण उनके द्वारा कराया गया है वह गलत पैमाईस की वजह से हो गया है। जिसे वह स्वतः एक सप्ताह में हटा लेगें। किन्तुं 8 जनवरी 2018 को उनके द्वारा तहसीलदार को दिए गए इस पत्र को एक सप्ताह से ज्यादा का समय बीत चुका है। लेकिन न तो अभी तक उनके द्वारा गांव सभा की जमीन को खाली किया गया है और ना ही सरकारी जमीन पर किए गए अवैध निर्माण को ध्वस्त किया गया है। बल्कि गांव सभा की भूमि पर सत्ता के मद में चूर विधायक और उनके पिता द्वारा मकान तैयार कराने के बाद अब उसके छत को ढालने की तैयारी की जा रही है। जिसके लिए सामाग्री भी जुटा लिया गया है। वहीं षपथ पत्र लेकर तहसील प्रषासन अपने दायित्वों की इतिश्री कर खामोष बन बैठा है। जिससे पूर्व सांसद और उनके विधायक बेटे का हौसला बढ़ा हुआ है। दोनों लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई न होने से उसका और उसका परिवार डरा सहमा हुआ है। उमाषंकर ने आरोप लगाया है कि जाचं के नाम पर महज उसका बयान लिया जा रहा है जिससे उसकी परेषानियों में जहां इजाफा हो उठा है वहीं उसे आर्थिक और मानसिक प्रताड़ना भी झेलनी पड़ जा रही है। उसने कहा है कि यदि उसे न्याय न मिला तो वह अपने दिव्यांग भाई के साथ अनषन पर बैठने को विवष होगा।



Post a Comment

Blogger