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भिवंडी,हिन्दुस्तान की आवाज,एम हुसेन

भिवंडी। सेवानिवृत्त होने के पांच वर्ष बाद भिवंडी के एक माध्यमिक स्कूल के शिक्षक को उच्च न्यायालय द्वारा न्याय मिलने के बाद शिक्षणाधिकारी के आदेश का पालन करने के लिए संस्था तैयार नही है। जिसकारण सेवानिवृत्त शिक्षक न्याय पाने के लिए दर-दर भटकने पर हो रहे मजबूर।
ज्ञात हो कि धामनकरनाका कॉलेज रोड स्थित श्री सत्यनारायण माध्यमिक हिंदी विद्यालय के शिक्षक महादेव प्रजापति की 1996 में नियुक्ति हुई थी उसके बाद 1997-98 में संस्था द्वारा उनका एप्रूवल नही कराया गया था। जबकि वह नियमित रूप से विद्यालय में सेवा देते रहे और बी.एससी बीएड होने के पश्चात वह गणित और विज्ञान विषय पढ़ाते रहे हैं । इसके बावजूद भी संस्था द्वारा उनके साथ अन्याय किया जा रहा है। जिसके लिए वह मुख्याध्यापक सहित संस्था से बार बार अनुरोध करते रहे हैं। मुख्याध्यापक सहित श्री सत्यनारायण शिक्षा सेवा संघ के सचिव एवं अध्यक्ष से बार-बार अनुरोध करने के बावजूद जब उनकी मांग पर ध्यान नही दिया गया तो सेवानिवृत्ति होने के बाद उन्होंने उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर कर दिया था। सेवानिवृत्ति शिक्षक महादेव प्रजापति के याचिका की 21 जून 2017 को सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने 1996-97 से उनकी सेवा सतत करते हुए छः प्रतिशत ब्याज के साथ सन 1997-98 एवं 2000-2001 का वेतन देने का आदेश संस्था को दिया था। उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए ठाणे जिला परिषद के शिक्षणाधिकारी माध्यमिक ने भी श्री सत्यनारायण शिक्षा सेवा संघ के सचिव ,अध्यक्ष एवं मुख्याध्यापक को पत्र भेजकर सेवानिवृत्ति शिक्षक का बकाया वेतन छः प्रतिशत ब्याज के साथ देने का आदेश दिया है। शिक्षणाधिकारी द्वारा उच्च न्यायालय का हवाला देकर दिए गए आदेश के बाद भी संस्था सेवानिवृति शिक्षक महादेव प्रजापति को उनका बकाया वेतन देने के लिए तैयार नही है। शिक्षक महादेव प्रजापति ने बताया कि संस्था के सचिव शिक्षणाधिकारी के आदेश को स्वीकारने से ही इंकार कर दिया है। जिसके कारण उन्हें उच्च न्यायालय द्वारा न्याय मिलने के बावजूद इन्हें दर-दर भटकना पड़ रहा है जो एक गंभीर समस्या बनी हुई है।

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