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-मीरजापुर सांसद के क्रियाकलापों की तैयार हो रही रिर्पोट 

मीरजापुर,हिन्दुस्तान की आवाज, संतोष देव गिरी

मीरजापुर। भले ही जिले की सांसद गाहे बगाहे भाजपा और अपना दल के बीच सामंजस्य और एकजुटता को दिखाती फिरती हो, लेकिन हकीकत इससे जुदा है। उनको सांसद बनाने में जिन भाजपा कार्यकर्ताओं ने अपना पसीना बहाकर कर उनको विजयश्री दिलाने में जी तोड़ मेहनत किया था सांसद बनने के बाद अनुप्रिया पटेल ने पलट कर उनकी ओर देखा तक नहीं है। जो उनकों आज भी खटकता है। वैसे भी भाजपा कार्यकताओं की अपेक्षा किसी से छुपी नहीं है कुछेक नेताओं और छपास रोग से ग्रसित चाटुकारों को छोड़ दिया जाये तो भाजपा के दिग्गजों से इनकी दूरी हर किसी को पता है। यहां तक कि पार्टी के षीर्ष नेता भी इन बातों को भली भांति जानते हैं। भाजपा कार्यालय से उनकी बनी दूरी भी हर किसी को मालूम है। सूत्रों की माने तो मिषन 2019 में जुटी भाजपा को 2019 का लक्ष्य दिखलाई दे रहा है जिसकों पाने के लिए वह अपने सांसदों के रिर्पोट को जुटाने में भी जुटी हुई है। पार्टी सूत्रों की माने तो इस बात का जिले में सर्वे कराया गया है जिसमें सांसद के प्रति नाराजगी और जिले की उपेक्षा का घोर आरोप है। जिसे एकत्र कर नेतृत्व को सौंपने की बात बताई जा रही है। उसी आधार पर टिकट तय माना जायेगा। भाजपा कार्यकर्ताओं के उपेक्षा और हर जगह बाजी मारने की जुगत में जुटी अनुप्रिया के नखरे को वैसे बीते विधान सभा चुनाव के साथ हाल ही में सम्पन्न हुए नगर निकाय चुनाव के दौरान भी देखा जा चुका है। जब यह चेयरमैन की कुर्सी के भाजपा एक पुराने और वफादार नेता को दरकिनार करते हुए एक भाजपा विधायक के साथ हर संभव इस प्रयास में लगी हुई थी कि उन्हें टिकट न मिलने पाये, लेकिन हुआ ठीक उल्टा उन्हें न केवल इस मामले में निराषा हाथ लगी है, बल्कि उनके काफी करीबी कहे जाने वाले व्यक्ति का भाई सभासद पद का चुनाव जीत नहीं पाया। जिससे यह आंकलन लगाया जा सकता है नगर क्षेत्र में उनकी क्या स्थिति हो सकती है।


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