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-भाजपा कार्यकर्ताओं की उपेक्षा, विकास के नाम पर कोरे आष्वासन और कुछेक अखबारों की सुर्खियों में बने होने से इतराती सांसद को लग सकता है तगड़ा झटका, मीरजापुर के मतदाता भी इस बार पूरी तरह से बदलाव के मूंड में! 

मीरजापुर,हिन्दुस्तान की आवाज, संतोष देव गिरी

मीरजापुर। केन्द्र की सत्ता में केन्द्रीय राज्यमंत्री का सत्तासुख भोग रही जिले की सांसद तथा केन्द्रीय परिवार कल्याण एंव स्वास्थ्य राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल को तगड़ा झटका लग सकता है। मिषन 2019 की तैयारी में जुटी मीरजापुर की सांसद तथा केन्द्रीय राज्यमंत्री भले की विकास के कोरे आष्वासनों और कुछेक अखबारों की सुर्खियों में बने होने से इतरा रही हो, लेकिन हकीकत पर गौर करे तो आने वाला समय उनके लिए ठीक नहीं होगा। खासकर करके यदि वह 2019 का चुनाव मीरजापुर संसदीय सीट से लड़ती है तो उन्हें पराजय का सामना करना पड़ सकता है। गौरतलब हो कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान पूरे देष में बह रही मोदी लहर में विधायक से सांसद बनने में कामयाब हुई अनुप्रिया पटेल 2019 का लोकसभा चुनाव हार जायेगीं। कहने को भले ही अभी देष में मोदी का जादू बरकरार है, लेकिन हकीकतों पर गौर करे तो आगामी दिनों में मोदी लहर होने के बाद भी अनुप्रिया पटेल को लोकसभा चुनाव 2019 मंे पराजय का सामना करना पड़ेगा। स्थानीय जानकार सूत्रों की माने तो जिले में भाजपा कार्यकर्ताओं की उपेक्षा, विकास कार्यो के नाम पर केवल कोरे आष्वासन, लम्बित पड़ी कई प्रमुख परियोजना में लेट लतीफी, मीरजापुर मुख्यालय से आवागमन की अव्यवस्थित व्यवस्था, स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाल व्यवस्था, सड़कों की बदहाली, सिंचाई इत्यादि कई ज्वलंत समस्याएं है जिन्हें लेकर जिले के नागरिकों में उनके प्रति गहरी नाराजगी देखी जा रही है जो आने वाले समय में उनके हार का प्रमुख कारण बनेगा। सांसद अनुप्रिया के प्रति नाराजगी का ही कारण रहा है कि पूर्व में आक्रोषित लोगों द्वारा उनका पुतला भी दहन किया जा चुका है। मजे कि बात है कि पुतला दहन भी उनके अपनी ही पार्टी के छानबे विधायक के क्षेत्र में फूंका जा चुका है। ऐसे में आसानी से समझा जा सकता है कि सांसद की लोकप्रियता किस कदर लोगों में व्याप्त है। दिल्ली में होने वाले कार्यक्रमों की मीरजापुर में फोटो प्रकाषित करा सांसद जिले के लोगों को क्या संदेष देना चाहती यह तो वहीं जाने लेकिन लोगों में व्याप्त चर्चाओं पर गौर करे तो सांसद से केन्द्रीय राज्यमंत्री बनी अनुप्रिया पटेल ने विकास कार्यो के नाम पर लोगों को छलना षुरू कर दिया है। बात करें रेल की तो यहां के लोगों को एक अदद लखनऊ की सीधी व सुगम व्यवस्था के लिए तरसना पड़ जा रहा है। पूर्व में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा विंध्याचल धाम पंडा समाज के अध्यक्ष राजन पाठक के अथक प्रयास से विंध्याचल रेलवे स्टेषन से प्रदेष की राजधानी लखनऊ के बीच चलने वाली इंटरसीटी टेªन को इनके ही कार्यकाल में बंद कराकर प्रयाग स्टेषन से उसका परिचालन कर दिया गया जो यहां की जनता के साथ किसी छल से कम नहीं है।  ऐसे में एक मात्र गाड़ी षक्तिनगर से चलकर लखनऊ होते हुए बरेली को जाने वाली त्रिवेणी एक्सप्रेस के मीरजापुर स्टेषन पर आने के समय में बदलाव की बात कह कर सांसद ने लोगों को झुनझुना थमाया है। त्रिवेणी एक्सप्रेस के परिचालन में सुधार होने को कौन कहे वह जस की तस ही बनी हुई है। इसी प्रकार मेमू टेªन की सौगात क्या दिया वह लोगों के लिए सौगात कम समस्या ज्यादा बनी हुई है। जिसमें न तो पानी की व्यवस्था है और ना ही प्रषाधन की ऐसे में लोगों के लिए पूर्व में संचालित पैसेंजर गाड़ी ही उपयुक्त रही है जिसमें कम से कम पानी और प्रषाधन की व्यवस्था रही है। लोगों का कहना है मेमू गाड़ी चलने से भले ही रेलवे को फायदा हो लेकिन रेल यात्रियों को इससे कोई लाभ नहीं है। इसके परिचालन में न तो सुधार हुआ है और ना ही इसका फेरा बढ़ाया गया है। ऐसे में जनता सवाल दाग रही है कि फिर सांसद ने कौन सा नया काम किया? अब रही बात जिले की सड़कों और ग्रामीण मार्गो की तो उसकी भी दषा किसी से छुपी हुई नहीं है। खुद जिले के प्रवेषद्वार पर ही सड़कों की बदहाली साफ दिखलाई दे जाती है जिस पर चलना किसी जोखिम से कम नहीं है तो चेहरा ढंग के न चला जाए तो धूल और डस्ट सूरत बिगाड़ने के साथ बीमार बना दे रही है।




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