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-यातायात व्यवस्था से लेकर समूचा जनजीवन बुरी तरह से रहा प्रभावित
-कड़ाके की ठंड और गलन के बीच गुजरा नये साल का पहला दिन
-पशु-पक्षी तक दिखलाई दिये बेहाल, गरीबों, मेहनतकशों का रहा बुराहाल


मीरजापुर,हिन्दुस्तान की आवाज, संतोष देव गिरी

मीरजापुर। नये साल का पहला दिन गलन और ठिठुरन भरा रहा। पूरे दिन कोहरे की तनी चादर से समूचा जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित होने के साथ लोगों को घरों में दुबकने को विवश कर दिया। आसमान में छाये कोहरे के बादल पूरे दिन आकाश में छाये रहे जिससे रेल यातायात सहित सड़क मार्ग पर भी आवागमन कठिन रहा। लम्बी राह के वाहनों मसलन ट्रक आदि जैसे बड़े वाहन सड़क के किनारे जगह-जगह ढाबा आदि स्थानों पर खड़े दिखलाई दिये। सर्वाधिक बुरी स्थिति रेलवे की होनी बताई जा रही है। दिल्ली-हावड़ा रूट पर  दौड़ने वाली प्रमुख गाड़ियां रेंगती नजर आई। कई-कई गाड़ियां तो 12 से लेकर 24 घंटे विलंम्ब से चल रही है जिससे यात्रियों का बुरा हाल हो उठा है। गौर करे तो इस वर्ष का पहला दिन सर्वाधिक गलन और ठंड वाला दिन साबित हुआ है। देर रात से ही आसमान में छाये कोहरे के बादल सुबह होने तक छाये हुए थे जिसका असर पूरे दिन बना रहा है। सूर्य देव के दर्शन न होने से लोगबाग ठंड के मारे कांपते दिखलाई दिये। जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित रहा है। इंसान तो इंसान पशु-पक्षी तक ठंस से बेहाल रहे। सर्वाधिक परेशानी मेहनतकश गरीब लोगों को उठानी पड़ी है जिनकी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा है रोज कुंआ खोंदना और पानी पीना उन्हें खासी परेशानी हुई है। नगर के बाजारों में जहां पूरे दिन सियापा छाया हुआ था वहीं ठंड और गलन के मारे प्रमुख चट्टी चैराहों से लेकर प्रमुख मार्गो, रेलवे स्टेशन, बस स्टाप पर भी अन्य दिनों की अपेक्षा लोगों की भीड़ नाम मात्र की देखने को मिली। बीते वर्ष के महिने में जितनी गलन और ठंड नहीं रहा उससे कहीं ज्यादा नये साल के प्रथम दिन देखने को मिला है जिससे आमजन मानस बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। आम दिनों की भांति बाजारों में चहल-पहल न होने से दुकानदारों को भी ठंड से परेशान देखा गया। ठंड का असर ही कहां जायेगा कि सुबह उठने वाले लोग आज देर तक घरों खासकर बिस्तर में दुबकने को विवश हुआ है। ठंड के कारण लोगों की दिनचर्या भी बदली-बदली नजर आई है।

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