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भिवंडी पंचायत समिति चुनाव में

भिवंडी,हिन्दुस्तान की आवाज,एम हुसेन

भिवंडी।पंचायत समिति चुनाव में कांग्रेस के 2 सदस्यों द्वारा भाजपा को मतदान करने प्रकरण में हलचल  मचा हुआ है। वही ठाणे जिला ग्रामीण कांग्रेस के अध्यक्ष पूर्व सांसद सुरेश टावरे ने भाजपा को मतदान करने के लिए कांग्रेस के दो सदस्यों को कारण बताओ नोटिस भेजकर पूछा है कि उन्होंने पार्टी के आदेश का उल्लंघन कर भाजपा को मतदान किया  है क्यों न उन पर कड़ी कार्रवाई की जाए?  कांग्रेस के दो पंचायत समिति सदस्यों द्वारा भाजपा को मतदान करने के कारण  भिवंडी की राजनीति में भूचाल आ गया है।
                 गौरतलब है कि गत 8 मई को संपन्न हुए भिवंडी पंचायत समिति सभापति के चुनाव में कांग्रेस के 2 सदस्यों ने पार्टी  के  आदेश के   विरुद्ध जाकर भाजपा के सभापति उम्मीदवार को मतदान  किया। इस खबर  से भिवंडी कांग्रेस में हलचल मच गई है ,वही भाजपा को मतदान करने से पार्टी की खुलेआम बदनामी हो रही है। सूत्रों के अनुसार  कांग्रेस पार्टी की ओर से शिवसेना के उम्मीदवार को मतदान  करने के लिए आदेश दिए  गए थे। परंतु आंतरिक तड़जोड कर  कांग्रेस के दोनों सदस्यों ने भाजपा के सभापति उम्मीदवार को मतदान किया ।जिससे भाजपा और शिवसेना दोनों के उम्मीदवारों को 21 21 मत मिले। उक्त चुनाव में लाटरी पद्धति में भाजपा की उम्मीदवार सभापति पद के लिए निर्वाचित हुई ।उक्त समाचार  आते ही कांग्रेस खेमे में काफी हलचल मची जिसके लिए ठाणे जिला ग्रामीण कांग्रेस  अध्यक्ष सुरेश टावरे ने दोनों सदस्यों को कारण बताओ नोटिस जारी कर भाजपा को मतदान करने के कारणों का खुलासा करने को कहा  है। साथ ही कारण बताओ नोटिस में चेतावनी दी गई है कि यदि समय पर खुलासा नहीं किया गया तो दोनों सदस्यों के विरुद्ध पार्टी का नियम उल्लंघन करने के लिए कानूनी कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि भिवंडी पंचायत समिति में कुल 42 सीटें हैं जिसमें से भाजपा और शिवसेना को 19--19 सीटें  मिली है। इसके अलावा कांग्रेस की दो राकापा को एक और मनसे को एक सीट मिली है। इस चुनाव में शिवसेना और भाजपा की सीट बराबर होने के कारण कांग्रेस के दो सदस्यों के मत निर्णायक थे। जिसे लेकर काफी रस्साकशी मची हुई थी। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा था कि कांग्रेस के दो सदस्य शिवसेना को समर्थन देंगे, क्योंकि भिवंडी निजामपूर शहर महानगरपालिका में शिवसेना और कांग्रेस के गठबंधन की सत्ता कायम है इसी बात से कयास को बल मिल रहा था, कि कांग्रेस पार्टी अपनी धुर विरोधी पार्टी भाजपा के विरुद्ध जाकर शिवसेना को समर्थन करेगी ।परंतु पंचायत समिति के चुनाव में ठीक इसका उल्टा हुआ। कांग्रेस के दोनों सदस्यों ने जाकर भाजपा के सभापति उम्मीदवार को अपना मत दे दिया। वही मनसे का एक सदस्य और राष्ट्रवादी का एक सदस्य शिवसेना के उम्मीदवार को वोट दिया। यदि कांग्रेस के दो सदस्य शिवसेना के समर्थन में आ जाते तो आज पंचायत समिति पर शिवसेना का सभापति विराजमान होता। लेकिन चुनाव में शिवसेना और भाजपा उम्मीदवार को बराबर मत मिलने के बाद लाटरी पद्धति के बाद भाजपा के पक्ष में चली गई।भिवंडी पंचायत समिति पर कांग्रेस की धुर विरोधी पार्टी भाजपा का कब्जा हो गया। इस परिणाम से  कांग्रेस में हड़कंप मचा हुआ है जो पार्टी के लिए चुनौती  भी।

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