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-उत्तर प्रदेष दिवस के उद्घाटन में कुर्सियां कोसती रहीं अपने भाग्य का

मीरजापुर,हिन्दुस्तान की आवाज, संतोष देव गिरी

मिर्जापुर। मुख्यमंत्री की पहल पर जिस यू पी दिवस कार्यक्रम में चहल-पहल होनी चाहिए थी, वहां सन्नाटा ही कदम-ताल करता नजर आया। दीप-प्रज्ज्वलन के वक्त जनप्रतिनिधियों में 11.50 बजे नगर, मड़िहान एवं छानबे विधायक तथा मिर्जापुर नगरपालिका अध्यक्ष पहुंचे लेकिन जनता की भागीदारी की जगह कलेक्ट्रेट के कर्मचारियों की ही भागीदारी रही। इससे कलेक्ट्रेट का कामकाज प्रभावित होता दिखा जबकि इस दिवस पर आज शासकीय विभागों में और अधिक चुस्ती होनी चाहिए थी। इस दिवस के प्रचार को लेकर भी लोग चकरियाए थे। पूर्व विधायक भगवती चैधरी का कहना रहा कि जब कि जब शासकीय स्तर पर दिवस मनाया जा रहा है और निवेदक में बड़े आफिसर्स हैं तब सांसद, पांचों विधायकों सहित डस्ब्, जिला पंचायत, नगरपालिका, नगर पंचायत अध्यक्ष भी सचित्र हो जाते तो बेहतर होता। सच में इस स्थिति में सन्देश जाता कि गवर्नमेंट की सोच विराट हैं। विराटता ही भारतीय संस्कृति का सन्देश है। जन भागीदारी के बारे में कुछ प्रबुद्ध वर्ग के लोगों ने अपनी उपस्थिति सोशल मीडिया से ही होने की बात कहीं। उनका मानना था कि संचार क्रांति के दौर में जब सोशल मीडिया से आमंत्रण मिलता है तो इसी माध्यम से उपस्थिति भी दर्ज लोग करा देते हैं। बड़े कार्यक्रमों में होमवर्क प्रभावी होता है तो संदेश जाता है कि कार्यक्रमों को लेकर शासन-प्रशासन गम्भीर है।



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