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-अराजपत्रित पुलिस वेलफेयर संस्थान की बैठक में छलकी वर्दीधारियों की पीड़ा 
-अधिकारियों पर लगा मनमानी आदेश लागू करने का आरोप

मीरजापुर,हिन्दुस्तान की आवाज, संतोष देव गिरी

मीरजापुर। सूबे में भले ही सत्ता परिर्वतन हो गया है, किन्तु पुलिस विभाग के अधिकारियों का अपने ही विभाग के जवानों के प्रति सोच विचार व व्यवहार में तनिक भी बदलाव नहीं हुआ है। मजे कि बात है कि पुलिस विभाग के अधिकारी चाहे वह प्रदेश स्तर के हो या जिला स्तर के अपना स्वयं का तो नया-नया आदेश विभाग में जारी करके मीडिया के जरिए जनता में सस्ती लोकप्रियता तो हासिल कर ले रहे हैं जिससे न तो पुलिस जवानों का भला होने वाला है और ना ही समाज का यही कारण है कि अपनी विभिन्न सममस्याओं, परेशानियों को लेकर पुलिस कर्मी तनावग्रस्त जीवन जीने को विवश हैं। पुलिस जवानों की यह पीड़ा पिछले दिनों रक्षक कल्याण ट्रस्ट द्वारा संचालित अराजपत्रित पुलिस वेलफेयर संस्थान की बैठक में छलक पड़ी जब बैठक में उपस्थित वर्दीधारी जवानों मसलन पीएसी, पुलिस, होमगार्ड, पीआरडी जवानों ने अपनी-अपनी पीड़ा और परेशानियों को सुनाना प्रारंभ किया। संस्थान की आहूत बैठक की अध्यक्षता करते हुए संस्थान के मंडल प्रवक्ता, सलाहाकार एडवोकेट सुशील कुमार दुबे ने कहा कि जिले के पुलिस अधीक्षक द्वारा दर्जनों स्वयं का आदेश विभाग के जवानों पर डर का दबाव, प्रभाव बनाकर जबरियां लागू किया जा रहा है जो न्योचित नहीं है। उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे ही आदेश है जो न तो सरकार ने जारी किया है और ना ही प्रदेश के पुलिस प्रमुख ने ऐसे में मनमाने तरिके से जारी आदेश एसपी के पद और प्रभाव के बेजाप्रभाव को दर्शाता है। उन्होंने बताया कि ई-स्मार्ट पुलिस एप्स के जरिए अवकाश दिया जाना बिल्कुल गलत है क्योंकि सरकार द्वारा ऐसा कोई भी आदेश, निर्देश जारी नहीं किया गया है। बताया कि एप्स और वाट्सएप्स चलाने के लिए नेटपैक, पैसे की आवश्यकता पड़ती है, लेकिन पुलिस अधीक्षक द्वारा इसकी तो व्यवस्था नहीं की गई है ऐसे में इसका क्या औचित्य बनता है। आखिरकार पुलिसकर्मियों पर यह दोहरा मार नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस अधीक्षक द्वारा इस व्यवस्था को अमल में लाने के लिए पुलिसकर्मियों को बाध्य किया जा रहा है। जो सरासर नियम विरूद्व है क्योंकि इससे पुलिस जवानों के जेब पर अतिरिक्त भार पड़ रहा है। मंडल प्रवक्ता ने आगे कहा कि पुलिस विभाग के आधुनिकरण के तहत विभाग में अधिक कार्य कराया जा रहा है जिसमें अधिक से अधिक कमीशन प्राप्त किया जा सके। इसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा न्यायालय, प्रदेश सरकार व डीजीपी द्वारा कई ऐसे आदेश जारी किए गए हैं जो जवानों की सुविधा आदि से जुड़े हुए है, जिसे फाईलों में दबाकर रख दिया गया है। उन पर अमल करने की कोई हिकामत नहीं कर रहा है। मसलन दसवें दिन पुलिसकर्मियों को अवकाश दिए जाने का आदेश डीजीपी कार्यालय द्वारा जारी किया गया था जिसे पूर्व में जिले में लागू तो किया गया था लेकिन कालांन्तर में यह व्यवस्था महज कागजी आदेश बन कर रह गया है। इसी प्रकार उन जवानों से परेड न कराने का आदेश है जो 45 वर्ष की उम्र पर कर गए है लेकिन इसकी भी अनदेखी करते हुए 50 से 55 वर्ष की अवस्था के हो चुके जवानों से भी भी परेड कराया जा रहा है। इसी प्रकार अकार्य दिवस जीएच का लाभ लेने पर जवानों के साथ दुव्र्यवहार किया जा रहा है तथा दंडित भी किया जाने का कार्य किया जा रहा है। एक थाना व एक चैकियों पर एक वर्ष की नियुक्तिों के आदेश को नजर अंदाज किया जा रहा है। हालत यह है कि किसी को एक साल तो किसी को एक माह में हटा दिया जा रहा है। जिससे साफ होता है अधिकारी अपने ही आदेशों का उलंघन कर रहे हैं। बैठक में होमगार्ड अध्यक्ष रविन्द्र विश्वकर्मा ने सम्बोधित करते हुए कहा कि अधिकारियों द्वारा होमगार्ड जवानों के साथ दुव्र्यवहार, मनमानी लगातार जारी है। उन्होंने कहा कि अधिकारी जब तक अपने व्यवहार और मानसिकता में बदलाव नहीं लायेगें तब तक कानून व्यवस्था से लेकर अन्य व्यवस्थाओें में सुधार की बात करना बेमानी होगी। उन्होंने कहा समाज और अधिकारियों की सुरक्षा में होमगार्ड जवानों की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता है। पीआरडी संघ के अध्यक्ष दीपचन्द्र मौर्या ने कहा वर्दीधारी जवानों की व्यवस्था पर शासन प्रशासन कोई भी ध्यान नहीं दे रहा है जिससे उनमें आक्रोश है। आरोप लगाया कि अधिकारियों द्वारा मनमाने ढंग से नियम विरूद्व कार्य कराये जा रहे है जिससे पीआरडी जवानों की स्थित बद से बदतर होती जा रही है। कहा सरकार द्वारा जारी उचित आदेश निर्देशों का पालन अधिकारी पहले स्वयं करे फिर जवानों से कराये तभी विभाग व समाज में सुधार की बात सार्थक हो सकती है। बैठक में वर्दीधारी जवानों की विभिन्न समस्याओं आदि को लेकर शीघ्र ही सम्मेलन कराने का निणर्य लिया गया तथा एकजुटता पर बल देते हुए वर्दीधारी जवानों की समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री से मिलने का मन बनाया गया। इस दौरान आलोक सिंह, रविन्द्र कुमार, रूपेश यादव, चंदन कुमार आदि सहित काफी संख्या में पीएसी, पुलिस, पीआरडी, होमगार्ड के जवान उपस्थित रहे।


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