प्रतापगड, हिंदुस्तान की आवाज़, प्रमोद श्रीवास्तव
प्रतापगढ-नीलांचल एक्सप्रेस मंगलवार की रात लगभग पौने नौ बजे चिलबिला स्टेशन के पहले गोंड़े गांव के करीब पहुंची। उस समय रेलवे लाइन के किनारे सड़क पर एक चालक ट्रक बैक कर रहा था। ढलान के कारण ट्रक का पिछला हिस्सा रेलवे लाइन पर आ गया। इससे नीलांचल एक्सप्रेस उससे जा भिड़ी। हादसे में ट्रक के पिछले हिस्से के परखचे उड़ गए। इसमें ट्रेन के 21 डिब्बों के पावदान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। कई पहियों की स्प्रिंग भी रगड़ खाकर चटक गई थी। घटनास्थल से करीब तीन किमी दूर चिलबिला स्टेशन पर आकर ट्रेन रुकी। सूचना पर पुलिस के साथ ही जीआरपी और आरपीएफ मौके पर पहुंची।
घटना के बाद ट्रक छोड़कर चालक भाग गया। प्रभारी नगर कोतवाल ने ट्रक पर लिखे नंबर से मालिक को सूचना दी। सीओ सिटी रमेशचंद्र भी मौके पर पहुंचे। करीब एक घंटे के बाद ट्रेन को प्रतापगढ़ जंक्शन लाया गया। जहां रेलकर्मी क्षतिग्रस्त बोगियों का निरीक्षण करने के बाद मरम्मत करने में जुट गए। खबर लिखे जाने तक आरपीएफ और कोतवाली पुलिस क्षतिग्रस्त ट्रक को हटाने में जुटी थीं। नीलांचल को प्रतापगढ़ स्टेशन पर रोककर मरम्मत की जा रही है।
प्रतापगढ-नीलांचल एक्सप्रेस मंगलवार की रात लगभग पौने नौ बजे चिलबिला स्टेशन के पहले गोंड़े गांव के करीब पहुंची। उस समय रेलवे लाइन के किनारे सड़क पर एक चालक ट्रक बैक कर रहा था। ढलान के कारण ट्रक का पिछला हिस्सा रेलवे लाइन पर आ गया। इससे नीलांचल एक्सप्रेस उससे जा भिड़ी। हादसे में ट्रक के पिछले हिस्से के परखचे उड़ गए। इसमें ट्रेन के 21 डिब्बों के पावदान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। कई पहियों की स्प्रिंग भी रगड़ खाकर चटक गई थी। घटनास्थल से करीब तीन किमी दूर चिलबिला स्टेशन पर आकर ट्रेन रुकी। सूचना पर पुलिस के साथ ही जीआरपी और आरपीएफ मौके पर पहुंची।
घटना के बाद ट्रक छोड़कर चालक भाग गया। प्रभारी नगर कोतवाल ने ट्रक पर लिखे नंबर से मालिक को सूचना दी। सीओ सिटी रमेशचंद्र भी मौके पर पहुंचे। करीब एक घंटे के बाद ट्रेन को प्रतापगढ़ जंक्शन लाया गया। जहां रेलकर्मी क्षतिग्रस्त बोगियों का निरीक्षण करने के बाद मरम्मत करने में जुट गए। खबर लिखे जाने तक आरपीएफ और कोतवाली पुलिस क्षतिग्रस्त ट्रक को हटाने में जुटी थीं। नीलांचल को प्रतापगढ़ स्टेशन पर रोककर मरम्मत की जा रही है।
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