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-सीटी विकास खंड के दुल्लहपुर गांव में खुली बैठक के बाद भी प्रधान और खंड़ विकास अधिकारी की मिलीभगत से सरकारी गल्लें के दुकान चयन हुआ बाधित 
-दिव्यांग सत्यवान यादव के पक्ष में जनमत के बाद भी प्रधान और बीडीओं मनमानी पर हुए अमादा, उ.प्र. विकलांग सेवा समिति ने दी आंदोलन की चेतावनी
मीरजापुर,हिन्दुस्तान की आवाज, संतोष देव गिरी

मीरजापुर। देष के प्रधानमंत्री भी भले ही सबका साथ सबका विकास का नारा बुलंद करते दिखलाई देते है, लेकिन ग्राम प्रधानों की मनमानी और कुछेक अधिकारियों की संलिप्ता से न केवल उनका यह नारा धूलधूषित हो रहा है, बल्कि गांवों में विवादों का भी जन्म हो रहा है। ऐसा ही कुछ मामला सीटी विकास खंड के ग्राम सभा दुल्लहपुर का होना बताया जा रहा है। जहां सरकारी राशन की दुकान का चयन करने के लिए गांव में सीटी ब्लाक से कमेटी भेजी गई थी।  जिसमें विजय मौर्या, ग्राम विकास अधिकारी कौशलेन्द्र राय, प्रर्वेक्षक प्रमोद  श्रीवास्तव, ग्राम पंचायत अधिकारी अछैबर नाथ, सहायक विकास अधिकारी वासुदेव पाठक व् पड़री थाना के उप निरीक्षक सूर्यनाथ यादव सहित पांच सिपाही और कोतवाली देहात पुलिस को भेजा गया था। जिनकी रेख-देख में चयन प्रक्रिया खुली पंचायत और मतदान कराकर सम्पन्न कराया गया था। जिसमें वहां की ग्रामीण जनता का भारी समर्थन गांव निवासी दिव्यांग नेता सत्यवान यादव को प्राप्त हुआ था। गांव में अधिकारियों के सम्मुख खुली बैठक और निष्पक्ष चयन प्रक्रिया के लिए मतदान कराकर अधिकारियों ने इसकी रिर्पोट संबंधित अधिकारियों को प्रेषित कर दिया था। मजे कि बात है कि इतना सबकुछ होने के बाद भी सिटी ब्लाक के खंड विकास अधिकारी मौके पर भेजे गए अधिकारी की बात मानने को तैयार नहीं है। वह प्रधान की बात मान रहे है जिससे उनकी कार्यप्रणाली को लेकर गांव में आक्रोष पनपने के साथ लोग उनके खिलाफ लामबंद भी होते दिखलाई देने लगे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि खंड विकास अधिकारी सीटी जाति मोह में फंस कर जातिवाद को बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं। लोगों का आरोप है कि ग्राम प्रधान के मोहपाष में फंसे बीडीओं सीटी अधिकारियों के बातों को नजर अंदाज कर रहे हैं। गांव में कोटे की दुकान के लिए खुली बैठक और मतदान के जरिए निष्पक्ष चुनाव कराने के बाद उसकी रिर्पोट पर जहां जिला पंचायत राज अधिकारी ने भी सही माना है और रिर्पोट पर हस्ताक्षर कर दिए है, लेकिन बीडीओं सिटी जातिवाद में फंसकर मनमाना कर रहे है ऐसा आरोप लोगों का है। दूसरी ओर बीडीओं की इस कार्यप्रणाली को लेकर गांव में जहां उनके और ग्राम प्रधान को लेकर आक्रोष पनपने लगा है। वहीं दिव्यांगों ने इस मामले को लेकर धरना-अनशन पर बैठने की तैयारी प्रारंभ कर दी है। लोगों की मांग है कि ऐसे भ्रष्ठ और जातिवाद को बढ़ावा देने वाले अधिकारी के खिलाफ तुरंत कार्यवाई हो और गांव की गरीब जनता को न्याय मिले। गांव में षांति व्यवस्था बने होने के साथ लोगों को ईमानदारी पूर्वक सरकारी सस्ते गल्लें का लाभ मिल सके और सार्वजनिक वितरण प्रणाली भी बाधित न होने पाये।



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