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मुंबई, दि. 27: राज्य के सभी भौतिक उपचार पाठ्यक्रमों वाले महाविद्यालयों का परिणामात्मक मूल्यांकन किया जाएगा । महाराष्ट्र स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय अधिनियम 1998 धारा 72 (1) के अनुसार यह प्रक्रिया महाराष्ट्र स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय नाशिक के माध्यम से परिणामात्मक मूल्यांकन की प्रक्रिया लागू की जाएगी । इसके लिए एक जाँच समिति गठित की जाएगी । जाँच के लिए विवरण पत्र को अंतिम रूप दिया जाएगा,विद्यार्थियों की सेंपल जाँच की जाएगी, अस्पतालों के स्तर की जाँच की जाएगी । इसके लिए महाराष्ट्र स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय को प्राधिकृत कर दिया गया है । यह जानकारी चिकित्सा शिक्षा व औषधि सूचना विभाग के एक परिपत्रक के माध्यम से सूचित किया गया है ।

राज्य में चिकित्सा, दंत चिकित्सा,आयुर्वेद , होमियोपैथी, यूनानी, भौतिकोपचार,व्यवसायोपचार, बी एस सी (नर्सिंग), पी बी बी एस सी, बी एस सी ( ऑप्टोमेट्री) आदि पदवी व आर ए एन एम, आर जी एन एम आदि पदविका पाठ्यक्रमों के महाविद्यालय कार्यरत हैं । इन महाविद्यालयों में संबंधित केंद्रीय राज्य परिषद के मानकों के अनुसार आवश्यक होने वाली आधारभूत सुविधाएँ, योग्यता प्राप्त प्राध्यापक,अस्पतालों में सुविधाओं का उचित स्तर होना अपेक्षित है ।

इन सब बातों के आधार पर ही यहाँ से शिक्षा पाकर जाने वाले विद्यार्थियों का शैक्षणिक स्तर निर्धारित होता है । विद्यार्थियों का शैक्षणिक स्तर अच्छा होना जरूरी है । इस उद्देश्य से सभी महाविद्यालयों का परिणामात्मक मूल्यांकन किया जा रहा है । केंद्रीय स्तर पर भौतिकोपचार पाठ्यक्रम के लिए परिषद नहीं है । भौतिकोपचार महाविद्यालय शुरू करने के लिए महाराष्ट्र स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के मानक हैं।

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