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भिवंडी,हिन्दुस्तान की आवाज,एम हुसेन

भिवंडी। एम हुसेन। कोकण मुस्लिम एज्युकेशन सोसायटी अपनी शैक्षिक सेवाओं की लगभग एक सदी पूरी कर रही है। सोसायटी प्रारम्भ से ही शिक्षा के साथ भाषा और साहित्य को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध रही है।अपनी सौ वर्षीय शैक्षिक यात्रा के दौरान विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करने के अतिरिक्त साहित्य एवं भाषा की प्रोन्नति में सराहनीय योगदान करने वाले शायरों,कवियों एवं लेखकों के कार्यों से लोगों को परिचित कराने हेतु अनेकों कार्यक्रम आयोजित करती आरही है। सोसायटी अपनी रजत जयंती और स्वर्ण जयंती समारोह के अलावा प्रति वर्ष ऐसे अनेकों कार्यक्रम पेश करती आई है जो शिक्षा,संस्कृति और राष्ट्र निर्माण में सहायक होते हैं।
आगामी 9 नवंबर 2017 को सोसायटी द्वारा मनाया जाने वाला 'जश्ने इकबाल' कार्यक्रम हमारे सिलसिलेवार कार्यक्रमों का एक उज्जवल अध्याय है। डाक्टर इकबाल ने अविभाजित भारत में 1877 में आँखें खोलीं और देश की आजादी से पहले 1938 में स्वतंत्रता प्राप्ति से पहले इस दुनिया को अलविदा कहा। एक कवि के रूप में डॉ इक़बाल का जुड़ाव हमारे राष्ट्रीय जीवन से भी है। उनकी शायरी सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा,कौमी तराने के रूप में गाई जाती है। यह तराना हमें हर गतिविधि में उनके महत्व का एहसास कराता और उनकी याद दिलाता है। जश्ने इकबाल आयोजित करने के मद्देनजर हमारा लक्ष्य यह है कि लोग डॉ इक़बाल से भली भाँति परिचित हों।
इस वर्ष डॉ इक़बाल की जयंती 9 नवंबर के अवसर पर कोकण मुस्लिम एज्युकेशन सोसायटी भिवंडी द्वारा जी एम कालेज आडीटोरियम में जश्ने इक़बाल का आयोजन किया जा रहा है। समारोह दोपहर ढाई बजे से रात दस बजे तक जारी रहेगा। जश्ने इक़बाल कार्यक्रम तीन चरणों में आयोजित होगा। पहले चरण में चित्रकला स्पर्धा का आयोजन होगा जिसका शीर्षक "अफ़कारे इक़बाल "है ,इसमें अल्लामा इक़बाल के दिए गए मशहूर अशआर (प्रसिद्ध कविताओं) पर समुचित काल्पनिक चित्रण करना होगा जिसमें विभिन्न विद्यालयों के शिक्षक भाग लेंगे। जजों के पैनल द्वारा चयनित पांच समुचित चित्रों को पुरस्कृत किया जायेगा।सिलेकटेड पेंटिग्स की प्रदर्शनी सायंकाल साढ़े पांच बजे उर्दू बसेरा हाल में लगाई जाएगी। दूसरे चरण में ढाई बजे "तलाशे इक़बाल "शीर्षक से एक सेमिनार सोसायटी के अध्यक्ष असलम फकीह की अध्यक्षता में आयोजित होगा जिसमें प्रमुख वक्ता के रूप में प्रोफेसर इरतेज़ा करीम (डायरेक्टर एन सी पी यू एल ,दिल्ली),प्रोफेसर अहमद महफूज़ (जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी दिल्ली)और प्रोफेसर सय्यद मोहम्मद हाशिम (अली गढ़ यूनिवर्सिटी)उपस्थित होंगे और अपने विचार प्रकट करेंगे।इसी सत्र में "तआरुफे इक़बाल" शीर्षक से त्रयमासिक सर्टिफिकेट कोर्स का भी उद्घाटन डॉ इरफ़ान फकीह के हाथों होगा। तीसरे और अंतिम चरण में "नग़माते इक़बाल "शीर्षक से सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा जिसमे प्रसिद्ध ग़ज़ल सिंगर पूजा गायत्वंडे अल्लामा इक़बाल की प्रसिद्ध ग़ज़लों को अपनी मधुर आवाज़ में पेश करेंगी।
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