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भिवंडी,हिन्दुस्तान की आवाज,एम हुसेन

भिवंडी। एम हुसेन ।के एम ई सोसायटी द्वारा 9 नवंबर को विश्व प्रख्यात कवि अल्लामा इक़बाल के जन्म दिन के अवसर पर भव्य कार्यक्रम" जश्ने इक़बाल" का आयोजन जी एम मोमिन कालेज आडिटोरियम,रईस हाई स्कूल कैंपस में किया गया। दोपहर तीन बजे से रात दस बजे तक निरंतर जारी जश्ने इक़बाल तीन चरणों में आयोजित किया गया ।पहले चरण मे तीन बजे "तलाशे इक़बाल "शीर्षक से एक सेमिनार सोसायटी के अध्यक्ष असलम फकीह की अध्यक्षता में आयोजित हुआ। जिसमें प्रमुख वक्ता के रूप में प्रोफेसर इरतेज़ा करीम (डायरेक्टर एन सी पी यू एल ,दिल्ली),प्रोफेसर अहमद महफूज़ (जामिया मिल्लिया इस्लामिया दिल्ली)और प्रोफेसर सय्यद मोहम्मद हाशिम (अली गढ़ यूनिवर्सिटी) ने भाग लिया।तीनो वक्ताओं ने डॉ अल्लामा इक़बाल को एक महान फ़लसफ़ी ,शायर और फ़िक्र व अमल पर विश्वास रखने वाला महान विद्वान एवं आफ़ाक़ी शायर बताया।बता दें कि डॉक्टर इकबाल ने अविभाजित भारत में 9 नवंबर 1877 में आँखें खोलीं और देश की स्वतंत्रता से पहले 1938 में स्वतंत्रता प्राप्ति से पहले इस दुनिया को अलविदा कहा। एक कवि के रूप में डॉ इक़बाल का जुड़ाव हमारे राष्ट्रीय जीवन से भी है। उनकी शायरी सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा,कौमी तराने के रूप में गायी जाती है। यह तराना हमें हर गतिविधि में उनके महत्व का एहसास कराता और उनकी याद दिलाता है।असलम फकीह ने अपने अध्यक्षीय भाषण में डॉ इक़बाल को एक अज़ीम राष्ट्र प्रेमी बताया। इसी सत्र में "तआरुफे इक़बाल" शीर्षक से त्रयमासिक सर्टिफिकेट कोर्स का भी उद्घाटन डॉ इरफ़ान फकीह के हाथों किया गया।रईस हाई स्कूल के सहायक मुख्यध्यापक मुख्लिस मदु ने अतिथियों का परिचय प्रस्तुत किया तथा संस्था सचिव डॉ मुसद्दिक पटेल ने अतिथियों का पुष्प गुच्छ से स्वागत किया। पहले चरण का संचालन प्रसिद्ध हास्य व्यंग्कार एवं कवि मोहम्मद रफ़ी अंसारी ने किया। दूसरे चरण में शाम साढ़े पांच बजे अफ़कारे इक़बाल शीर्षक से विभन्न विद्यालयों के ड्राइंग शिक्षकों द्वारा डॉ इक़बाल के मशहूर अशआर( प्रसिद्ध पंक्ति) पर आयोजित समुचित काल्पनिक चित्रण स्पर्धा में पेश किये गए चित्रों की प्रदर्शनी का उद्घाटन हुआ और जजों के पैनल में सम्मलित डॉ कमर सिद्दीक़ी (मुंबई यूनिवर्सिटी),अयाज़ गोरखपूरी (कवि)और मोहम्मद हसन काविश (कवि एवं आर्टिस्ट) द्वारा चयनित पांच चित्रों को सर्वाधिक अंक प्राप्त करने के आधार पर पुरस्कृत किया गया।पुरस्कार प्राप्त करने वाले अध्यापकों के नाम इस प्रकार हैं। रेहान शकील बर्डी ,के एम ई एस उर्दू प्रायमरी स्कूल भिवंडी,प्रथम पुरस्कार,मोहम्मद आसिफ अब्दुल करीम के एम ई एस हाई स्कुल वडोली द्वितीय पुरस्कार,और नेदा हमनी शमीम अहमद मोमिन,अल उम्मत हाई स्कूल खाडीपर भिवंडी को तृतीय पुरस्कार प्राप्त हुआ। इसी प्रकार दो सांत्वना पुरस्कार दिए गए। पहला सांत्वना पुरस्कार रोशन आरा सीमाब अनवर (सोगरा बी रईस हाई स्कूल तलोली),दूसरा सांत्वना पुरस्कार सीमाब अनवर (समदिया हाई स्कूल भिवंडी) और रेहान मोमिन, (के एम ई एस इंग्लिश मीडियम स्कूल भिवंडी ) को प्राप्त हुआ। इसके अतिरिक्त एक विशेष पुरस्कार भिवंडी निज़ामपुर शहर महानगर पालिका स्कूल के अध्यापक को दिया गया।

तीसरे और अंतिम चरण में "नग़माते इक़बाल "शीर्षक से सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमे प्रसिद्ध ग़ज़ल सिंगर पूजा गायत्वंडे ने अल्लामा इक़बाल की प्रसिद्ध ग़ज़लों को अपनी मधुर आवाज़ में प्रस्तुत कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया ।भारी संख्या में उपस्थित लोगों ने भरपूर मनोरंजन किया तथा गायिका की तालियों से हौसला बढ़ाया। मुख्लिस मदु और सूफ़िया मोमिन ने संचालन किया। आभार प्रदर्शन के साथ समारोह सम्पन्न हुआ।
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